रांची: संजीवनी बिल्डॉन के नाम पर जमीन और फ्लैट देने के पर नाम करोड़ों की धोखाधड़ी के एक मामले में पुदांग ओपी में प्राथमिकी दर्ज है. इसकी जांच सीबीआइ कर रही है. इस मामले में पूर्व इंस्पेक्टर अरविंद चौधरी ने चार मृत व्यक्तियों के विरुद्ध धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज की है.
प्राथमिकी पुदांग ओपी में एक जून 2012 को जगन्नाथपुर सर्किल के तत्कालीन इंस्पेक्टर की जांच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गयी थी. इसमें संजीवनी बिल्डकॉन के एमडी जयंत दयाल नंदी और अनिता दयाल नंदी के साथ मिल धोखाधड़ी का आरोप जमीन मालिक सुखनाथ महतो, संतोष कुरमी, मंतोख कुरमी व करिया कुरमी पर लगाया गया था. जब अधिकारियों ने इंस्पेक्टर की रिपोर्ट की जांच की, तब प्राथमिकी में नामजद आरोपी जमीन मालिक मृत निकले. जांच में पाया गया कि प्राथमिकी दर्ज होने से दो-तीन वर्ष पूर्व सुखनाथ महतो, चार वर्ष पूर्व संतोख कुरमी, एक वर्ष पूर्व मंतोख कुरमी और चार वर्ष पूर्व करिया कुरमी की मौत हो चुकी थी.
फरजी तरीके से बेची गयी थी जमीन
संजीवनी के अधिकारियों ने पुंदाग में एक जमीन की बिक्री फरजी तरीके से कागजात बनवा कर बेच दी. इस मामले में जांच का जिम्मा जगन्नाथपुर सर्किल के तत्कालीन इंस्पेक्टर अरविंद चौधरी को दिया गया. इंस्पेक्टर ने जांच में पाया कि जमीन सेल इंप्लायज को-ऑपरेटिव हाऊसिंग लिमिटेड के नाम पर दाखिल- खारिज है. लेकिन जमीन के मालिकों ने जमीन को जयंत नंदी और अनिता नंदी के साथ मिल कर बेच दिया.
अधिकारी भी थे शामिल
पहले से दूसरे के नाम पर दाखिल- खारिज जमीन को बेच कर करोड़ों की धोखाधड़ी करने में सरकारी अधिकारी भी शामिल थे. जांच में पुलिस ने पाया कि तत्कालीन अंचल निरीक्षक सहित अन्य लोग भी इस काम में संजीवनी का साथ दिया था. लेकिन गिरफ्तारी पर रोक लग जाने के कारण पुलिस आगे की कार्रवाई नहीं कर पायी थी.