लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने पिछड़ों को एकजुट करने और उनमें अपने जनाधार को और मजबूत करने की दृष्टि से सामाजिक न्याय की लड़ाई को धार देने के लिए दो रथयात्राएं निकालने तथा 14 दिसंबर को लखनउ में पिछड़ों की एक विराट रैली के आयोजन का फैसला किया है. अखिलेश सरकार में राज्य मंत्री गायत्री प्रजापति ने ‘‘भाषा’’ से बातचीत में कहा, ‘‘पार्टी ने सामाजिक न्याय को धार देने के लिए दो रथयात्राएं निकालने का निर्णय किया है जिन्हें 24 अक्टूबर को सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव पार्टी कार्यालय से रवाना करेंगे.’’ उन्होंने बताया कि यह यात्रएं ‘‘सामाजिक न्याय रथयात्रा’’ और ‘‘17 पिछड़ी जातियों की अधिकार रथयात्रा’’ के नाम से जानी जायेंगी, और इनके जरिये जहां एक ओर पिछड़े वर्ग के लोगों को एकजुट करने की कोशिश होगी, वहीं पिछड़े वर्ग की अति पिछड़ी 17 जातियों के हितों की रक्षा के लिए उन्हें अनुसूचित जाति सूची में शामिल करवाने के लिए पार्टी की कोशिशों का प्रचार किया जायेगा.
प्रजापति ने बताया कि उक्त निर्णय आज यहां समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की बैठक में लिया गया है, जिसमें पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव तथा प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि इन यात्रओं के दौरान पिछड़े वर्ग के लोगों से 29 अक्टूबर को आजमगढ़ 14 दिसंबर को लखनउ के रमाबाई मैदान में होने वाली रैलियों को कामयाब बनाने की अपील की जायेगी. प्रजापति ने बताया कि बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी मुखिया यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा द्वारा छेड़े गये सांप्रदायिकता फैलाने के अभियान को बेअसर करने के लिए सामाजिक न्याय आंदोलन को मजबूत करने की जरुरत है. सपा मुखिया ने भरोसा जताया कि भाजपा तथा कांग्रेस से नाराज जनता सामाजिक न्याय के लिए संघर्षरत समाजवादी पार्टी का चयन करेगी तथा लोकसभा चुनाव के बाद तीसरे मोर्चे की सरकार के गठन का रास्ता साफ होगा.