ढाका : बांग्लादेश के एक विशेष न्यायाधिकरण ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के 83 वर्षीय नेता अब्दुल अलीम को वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम में बड़े पैमाने पर हत्याओं और अन्य युद्ध अपराधों के लिए आज आजीवन कारावास की सजा सुनायी. तीन सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के अध्यक्ष ओबैदुल हसन ने खचाखच भरे अदालत कक्ष में सजा सुनाते हुए कहा, ‘‘उसे मौत होने तक जेल में रखा जाएगा.’’ अलीम को व्हीलचेयर पर कठघरे में पेश किया गया था.
हसन ने कहा कि अभियोजन पक्ष 17 आरोपों में जनसंहार सहित नौ मामलों में अलीम की संलिप्तता संदेह के परे साबित करने में सफल रहा. उन्होंने कहा कि अलीम को उसके अपराधों के लिए मौत की सजा मिलनी चाहिए लेकिन उसकी अधिक आयु और शारीरिक स्थिति को देखते हुए न्यायाधिकरण सजा में छूट दी. हसन ने कहा, ‘‘शारीरिक या मानसिक रुप से अस्वस्थ्य किसी भी व्यक्ति को फांसी नहीं दी जानी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि दोषी वृद्ध है और वह स्वयं चल फिर नहीं सकता.
191 पृष्ठों का यह फैसला तब आया है जब जब अभियोजन पक्ष के वकीलों ने अलीम को मौत की सजा की मांग पर अपनी बहस गत महीने पूरी कर ली थी जबकि न्यायाधिकरण ने दो वर्ष पहले उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों के 17 आरोपों से अभ्यारोपित किया था. आरोपों के अनुसार अलीम ने करीब 600 लोगों की हत्या की या हत्या के आदेश दिये. ऐसी ही एक घटना में उसने अपने गृहनगर जयपुरहाट के उत्तर पश्चिम में स्थित अल्पसंख्यक हिंदुओं के एक गांव पर हमला किया, 370 निवासियों को उनके घरों से बाहर निकाला, पंक्ति में खड़ा किया और गोली मार दी.
अलीम पर यह भी आरोप है कि तथाकथित शांति समिति के तत्कालीन अध्यक्ष और रजाकर वाहिनी का नेता रहते हुए लूट, आगजनी और निहत्थे नागरिकों को कैद करके रखने का आरोप है. अलीम बीएनपी के दूसरे नेता है जिसे युद्व अपराधों के मामले में दोषी ठहराया गया. पिछले हफ्ते 65 वर्षीय बीएनपी सांसद सलाउद्दीन कादर चौधरी को मौत की सजा सुनायी गयी थी.