धनबाद: विजिलेंस की तत्परता से बीसीसीएल को डेढ़ करोड़ का चूना लगने से बच गया. मामला धनसार कोलियरी से संबंधित है. इस मामले में तीन अधिकारियों के खिलाफ मेजर पेनाल्टी की अनुशंसा की गयी है. मेजर पेनाल्टी में दो-तीन इंक्रीमेंट रोकने का प्रावधान है. ये अधिकारी जीएम व डिप्टी जीएम स्तर के हैं.
यह है मामला : विजिलेंस ने 2010 में यह मामला दर्ज किया था. हफ्ते भर पहले कार्रवाई की अनुशंसा हुई है. धनसार कोलियरी में ड्रिफ्ट बनाना था. ड्रिफ्ट यानी एक सीम से दूसरे सीम तक जाने का रास्ता. टेंडर में ड्रिफ्ट मेकेनाइज्ड रोड हेडर के जरिये बनाने का निर्देश था. लेकिन इसे मैनुअल ही बना दिया गया. दो कंपनियां अंबिका व महेश्वरी माइनिंग को टेंडर आवंटित किया गया था. कंपनियों ने काम मैनुअल किया लेकिन रेट रोड हेडर का ले रही थी. इन दोनों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है.
विजिलेंस को मिली थी शिकायत : मामले की शिकायत विजिलेंस को मिलने के बाद सीवीओ प्रशांत कुमार निर्देश पर इसकी जांच शुरू हुई तो सच सामने आ गया. मामले में तीन अधिकारियों के खिलाफ माइनर पेनाल्टी की भी सिफारिश की गयी है.