कोलकाता/नयी दिल्ली : भारत बांग्लादेश सीमा पर सैन्य कार्रवाई में हताहत होनेवाले आम नागरिकों और सुरक्षा बलों की संख्या पर अंकुश लगाने के नये उपायों के तहत यहां गैर घातक हथियारों के इस्तेमाल के साथ ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सद्भावना की एक और मिसाल पेश करते हुए अपने बांग्लादेशी समकक्षों को भारतीय सरजमीं से सीमा पर गश्त लगाने के लिए आमंत्रित किया है.
ढाका में पिछले महीने हुई महानिदेशक (डीजी) स्तरीय वार्ता में बीएसएफ ने लोगों के अवैध सीमा पार करने और मवेशियों की तस्करी पर चिंता व्यक्त करते हुए बॉर्डर गार्डस बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ इन उपायों पर चर्चा की. इन अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए की जानेवाली कार्रवाईयों में कई बार आम नागरिक और सैन्य जवान भी हताहत हो जाते हैं.
बीएसएफ प्रमुख सुभाष जोशी ने कहा : भारतीय हिस्से में हमारे जवानों के साथ गश्त करने और जमीनी हकीकत जानने के लिए हमने बीजीबी को अपने जवानों को हमारी तरफ भेजने का प्रस्ताव दिया है. हमारे पास छुपाने को कुछ नहीं है.
देर रात होनेवाली अवैध गतिविधियां हमारे लिए चुनौती बनी हुई हैं. यह चुनौती कठिन है और हम सीमा पर शांति बनाये रखना चाहते हैं. इसीलिए हमने आगे बढ़ते हुए इस तरह का सुझाव दिया है.
द्विवार्षिक वार्ता के लिए ढाका गये प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे श्री जोशी ने बताया कि सीमा पर हताहतों की संख्या पर अंकुश लगाने के लिए यहां और अधिक गैर घातक हथियारों के इस्तेमाल का फैसला किया गया है. देश के दूसरे सबसे बड़े अर्धसैनिक बल के महानिदेशक ने कहा : अपने जवानों को गैर घातक हथियार देने का फैसला कई बार मुश्किल हो जाता है. हमें कई बार इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा है. हाल के दिनों में तश्करों के हमले में हमारे तीन दर्जन जवान घायल हुए हैं.
लेकिन हम भारत बांग्लादेश सीमा पर हताहतों की संख्या कम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं और इसलिए ऐसे और हथियार वहां भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा : हमने गैर घातक हथियारों के इस्तेमाल की बेहतर प्रक्रिया पर विचार करने का भी फैसला किया है.