हैदराबाद : आंध्र प्रदेश को विभाजित करने के केंद्र के फैसले के विरोध में तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में आज बंद के दूसरे दिन आम जनजीवन प्रभावित रहा.
आंध्र प्रदेश गैरराजपत्रित अधिकारियों और एकीकृत आंध्र के अन्य समर्थकों ने 48 घंटों के बंद का आह्वान किया है जबकि जगन मोहन रेड्डी नीत वाईएसआर कांग्रेस ने गैर तेलंगाना क्षेत्रों में 72 घंटे का बंद आहूत किया है. दोनों बंद कल सुबह शुरु हुए थे. तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में शिक्षण एवं कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और इन क्षेत्रों में आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा.
तटीय आंध्र के आईजी द्वारका तिरुमला राव ने कहा कि उन्होंने कुछ कांग्रेसी नेताओं के आवासों और संपत्तियों पर कल हमले को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त बलों को तैनात किया. उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है और स्थिति नियंत्रण में है. जब तक आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, हमें कोई आपत्ति नही है. लेकिन अगर यह हिंसक होता है तो हम कार्रवाई करेंगे.
पीसीसी प्रमुख बोत्सा सत्यनारायण के व्यावसायिक एवं शिक्षण संस्थानों को निशाना बनाया गया और पुलिस ने इन इलाकों तथा अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढाई है. एकीकृत आंध्र समर्थक कर्मचारी अगस्त से पहले ही हड़ताल पर चल रहे हैं. इस बीच, वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन केंद्र के इस कदम के खिलाफ आज से आमरण अनशन शुरु कर सकते हैं. तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार से नई दिल्ली में अनिश्चितकालीन अनशन की घोषणा की.