।।राजेन्द्र कुमार।।
संदेश देंगे. इस रैली के बाद मुलायम सिंह तथा अखिलेश यादव सूबे के कई अन्य जिलों में रैलियां कर जनता तक सपा की नीतियों और सपा सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाएंगे. सपा प्रमुख के इस निर्णय से बड़ी रैलियां कर सूबे के राजनीतिक माहौल को गरमाने में जुटी भाजपा और काग्रेस को झटका लगा है. कांग्रेस नेताओं ने 09 अक्टूबर को अलीगढ़ और रामपुर में रैली आयोजित कर सूबे में राहुल गांधी की ताकत का अहसास कराने की योजना तैयार की थी. वही भाजपा नेता 19 अक्टूबर को कानपुर में एक विशाल रैली करने की तैयारी में जुटे हैं, भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी इस रैली को संबोधित करेंगे.
इस माह दुर्गापूजा, बकरीद और दशहरा जैसे त्योहारों के बीच अब इन बड़े नेताओं की हो रही रैली को लेकर यह कहा जाने लगा है कि बड़े नेताओं की यह रैलियां सूबे का राजनीतिक माहौल गरमाएंगी और माहौल गरमाने की शुरूआत सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव करेंगे. मुलायम सिंह यादव की रैली को लेकर सपा नेताओं का दावा है कि पांच अक्टूबर को इटावा में लाखों लोगों का जमावड़ा होगा. इसी दिन इटावा से 10 किलोमीटर दूर मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र मैनपुरी के नैयनार कस्बे में भी एक रैली होगी जिसमें मुलायम और अखिलेश दोनों मौजूद रहेंगे.इन रैलियों में मुलायम और अखिलेश यादव लाभार्थियों को कन्या विद्या धन और लैपटॉप भी बांटेंगे. पिछले साल मार्च में यूपी में सरकार बनाने के बाद यह पहला मौका होगा जब इटावा और मैनपुरी में सपा की कोई बड़ी रैली करेगी. इसके बाद यूपी के दूसरे जिलों में भी मुलायम और अखिलेश यादव की अलग-अलग रैलियां आयोजित की जाएंगी.
मुलायम और अखिलेश की इन रैलियों में कांग्रेस और भाजपा की नीतियों की खिलाफत तो की ही जाएगी, मुजफ्फरनगर दंगे को भड़काने में भाजपा और कांग्रेस नेताओं की भूमिका को भी जनता के बीच बताने का काम किया जाएगा. सपा के इस रूख की भनक पा चुके काग्रेस और भाजपा के नेता भी रैली में सपा पर हमला बोलने का संकेत दे रहे हैं. इनका कहना है कि रैली के मंच से सपा सरकार के कामकाज पर निशाना साधा जाएगा और सपा सरकार की नाकामी को जनता के बीच उजागर किया जाएगा.