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संस्कृतियों से हुए रू-ब-रू

बोधगया: पितृपक्ष मेले में देश के विभिन्न प्रदेशों से गयाजी आये पिंडदानियों की सुरक्षा व मार्गदर्शन के लिए तैनात पुलिस के जवानों को कई संस्कृतियों से रू-ब-रू होने का मौका मिला. इस दौरान दिन-रात जवानों ने ड्यूटी की, सेवा भाव में हाथ बढ़ाये तो काफी कुछ सिखाने को इन्हें मिला. देश से विदेश के लोगों […]

बोधगया: पितृपक्ष मेले में देश के विभिन्न प्रदेशों से गयाजी आये पिंडदानियों की सुरक्षा व मार्गदर्शन के लिए तैनात पुलिस के जवानों को कई संस्कृतियों से रू-ब-रू होने का मौका मिला. इस दौरान दिन-रात जवानों ने ड्यूटी की, सेवा भाव में हाथ बढ़ाये तो काफी कुछ सिखाने को इन्हें मिला. देश से विदेश के लोगों से मिले, उनके भाषा सुना व समझने की कोशिश भी की, उनके रहन-सहन को करीब से देखने का अनूठा अवसर तैनात जवानों को मिला. इसी वजह से मेला क्षेत्र व शहर में अन्य स्थानों पर तैनात जवानों ने ड्यूटी को बोझिल नहीं समझा.

हर वक्त एक नया चेहरे का सामना, झुंड में आवाजाही करते तीर्थयात्री व उन्हें मार्गदर्शन करते जवान, बड़ा ही रोचक अनुभव रहा. खासकर, नव नियुक्त जवानों के हौसले कभी पस्त होते नहीं देखा गया. रात के नौ बज रहा हो या फिर 12 ड्यूटी पर तैनात जवानों को सजग देखा गया. इसके पीछे ऐसा नहीं था कि उन्हें वरीय पदाधिकारियों का भय था. पड़ताल से यह जाहिर हुआ कि उन्हें इस बात की चिंता ज्यादा सता रही थी कि गयाजी में किसी आगंतुकों के साथ कुछ अप्रिय न हो जाये.

जवानों की निगाहें चोर-उचक्कों पर होने के साथ ही पिंडदानियों के कर्मकांड पर भी टिकी रही. मानों ऐसा लग रहा था कि वह यहां काफी कुछ सीखना भी चाह रहें हैं. जवानों की तत्परता के पीछे का कारण के बारे में एसएसपी निशांत कुमार तिवारी ने बताया कि, जवानों को गयाजी की छवी बेहतर करने की जिम्मेवारी दी गयी थी. सभी ने मधुर व मानवता के साथ किया. उन्होंने बताया कि शायद यही वजह रहा कि हमारे जवानों ने ड्यूटी को इंज्वाय किया.

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