समस्तीपुरः जिला परिषद अध्यक्ष विजय लक्ष्मी देवी पर लगे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 27 दिनों तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद मंगलवार को हुई विशेष बैठक में चर्चा के लिए पहुंचे 31 सदस्यों में से महज दो जिला पार्षदों ने प्रस्ताव का विरोध किया. हालांकि जिप अध्यक्ष समेत 20 जिला पार्षदों ने विशेष बैठक में हिस्सा नहीं लिया. इस तरह विजय लक्ष्मी देवी के सर से अध्यक्ष का ताज उतर गया है.
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर समाहरणालय के दोनों गेट पर दंडाधिकारी तैनात थे. जबकि पूरा परिसर दिन भर पुलिस छावनी में तब्दील रहा. समाहरणालय सभाकक्ष में निर्धारित समय पर उपस्थित हुए 31 सदस्यों के साथ जिलाधिकारी नवीन चंद्र झा, डीडीसी रमेश कुमार शर्मा, निदेशक डीआरडीए गोरख नाथ, निदेशक एनइपी जवाहर लाल सिन्हा, वरीय उप समाहत्र्ता संतोष कुमार झा, सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुधीर कुमार जिप अध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों के आने की प्रतीक्षा करते रहे. डीएम ने अध्यक्षता करते हुए बहस आरंभ कराया. जिसमें जिला पार्षद रंजीत निगरुणी, सरोज कुमार राय, पंकज दास, सरिता कुमारी, गायत्री देवी, रेणु राज आदि पार्षदों ने हिस्सा लेते हुए जिप अध्यक्ष के काम-काज पर गहरा असंतोष जताया.
देर-दोपहर तक बहस चलने के बाद डीएम ने मतदान कराया. जिसमें दो सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव का विरोध किया. शेष 29 सदस्यों ने गुप्त हुए मतदान में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में अपना वोट किया. गिनती के बाद डीएम ने तत्काल प्रभाव से जिला परिषद अध्यक्ष को निलंबित करने की घोषणा की. साथ ही इसकी जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को भेजने और नये अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान की तिथि निर्धारित होने पर सदस्यों को इसकी जानकारी देने की सूचना दे डाली.