नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह की उम्र के विवाद मे न्यायालय के आदेश पर उनकी टिप्पणयों का स्वत: ही आज संज्ञान लिया. न्यायालय अवमानना के इस मामले की कल सुनवाई करेगा.न्यायमूर्ति आर एम लोढा और न्यायमूर्ति एच एल दत्तू की खंडपीठ ने उम्र विवाद में केंद्र सरकार के […]
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह की उम्र के विवाद मे न्यायालय के आदेश पर उनकी टिप्पणयों का स्वत: ही आज संज्ञान लिया. न्यायालय अवमानना के इस मामले की कल सुनवाई करेगा.न्यायमूर्ति आर एम लोढा और न्यायमूर्ति एच एल दत्तू की खंडपीठ ने उम्र विवाद में केंद्र सरकार के खिलाफ जनरल सिंह की याचिका खारिज की थी. न्यायलाय ने समाचार पत्रों में जनरल सिंह के हवाले से प्रकाशित उस टिप्पणी का संज्ञान लिया जिसमें उन्होंने कहा था कि शीर्ष अदालत ने उनकी आयु का फैसला करते समय मैट्रिक के प्रमाण पत्र को आधार क्यों नहीं माना जबकि बलात्कार पीड़ित की उम्र का निर्धारण करते समय ऐसे ही दस्तावेज को आधार माना जाता है.
सिंह के हवाले से प्रकाशित खबर में कहा गया था, ‘‘यदि अदालत बलात्कार पीड़ित की उम्र मैट्रिक प्रमाण पत्र के आधार पर निर्धारित कर सकती है तो शीर्ष अदालत मेरी उम्र के मामले का फैसला करते समय मेरे प्रमाण पत्र की जांच करने में कैसे विफल हो गया.’’न्यायालय इस मामले में कल अपराह्न दो बजे सुनवाई करेगा.सिंह पिछले साल 10 फरवरी को शीर्ष अदालत में अपनी उम्र को लेकर कानूनी लड़ाई हार गये थे. शीर्ष अदालत ने कहा था कि उनकी जन्म तिथि को लेकर उनके सेवा के मामले में सरकार निर्णय ही लागू होगा. इसके बाद सिंह ने अपनी याचिका वापस ले ली थी.
शीर्ष अदलात ने जनरल सिंह से कहा था कि वह अपने इस वचन से पीछे नहीं हट सकते हैं कि वह अपनी जन्म सिंह 10 मई 1950 मानने के सरकार के निर्णय का पालन करेंगे और न्यायालय ने पूर्वाग्रह के दावे को अस्वीकार कर दिया था.शीर्ष अदालत ने 38 साल तक राष्ट्र के लिये उनकी सेवाओं की प्रशंसा करते हुये कहा था कि जनरल सिंह जैसे उत्कृष्ठ अधिकारी के सेवा में होने का उसे गर्व है. न्यायालय ने जनरल के सेवा रिकार्ड में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुये कहा था कि जनरल की उम्र के मामले में सरकार का निर्णय ही बरकरार रहेगा.