सासाराम (नगर) : स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों में आये दिन घर छोड़ने की प्रवृत्ति बढ़ने लगी है, जिसका खामियाजा अभिभावकों भुगतने पड़ रहा है. काराकाट के बुढ़वल में इंजीनियरिंग के छात्र के भागने की घटना हो या फिर सासाराम के तकिया मुहल्ला के राहुल कुमार की.
दोनों घटना में घरवालों के अपने लाडले के अपहरण हो जाने की आशंका की बात झूठी झूठी निकली. इंजीनियरिंग के छात्र ने खुद अपने पिता को हीं छलने का काम किया, जबकि राहुल के अपहरण होने की बात को पुलिस पूरी तरह संदिग्ध मान रही है.
लाड़लों के कारामात से अब घर की सामाजिक व पारिवारिक बंधन तार तार होने लगे हैं. शिक्षाविदों व प्रबुद्धों की मानें तो इसके पीछे अभिभावकों का अपने संतानों पर से नियंत्रण को समाप्त होना है, जिसका खामियाजा सभी को भुगतने पड़ रहा है. तीन सप्ताह पहले कोचस से कट्टा व कारतूस के साथ गिरफ्तार दो छात्रों ने अपने पारिवारिक रिश्ते में दरार पैदा की थी.
एसपी विकास वर्मन कहते हैं कि अंडर 15 के छात्रों में अक्सर इस तरह की प्रवृत्तियां पनप रही है. इसके पीछे मौजूदा व्यवस्था व अभिभावकों का उन पर से नियंत्रण का अभाव माना जा रहा है. छात्रों को गलत राह पर जाने से रोकने व उन्हें अपने कामों में मन लगाने की ओर प्रेरित करने के लिए सबको प्रयास करने होंगे.