आज हमारे देश के लोगों के लिए एक यक्ष प्रश्न है कि क्या आजाद भारत की राजनीतिक पार्टियां और इनको चलानेवाले हमारे महान नेता हम भारतीयों को विश्व में सम्मान दिला पायेंगे और भारत को विश्व के मानचित्र पर विकसित देश के रूप में स्थापित कर पायेंगे?
मुङो नहीं लगता. आज हमारे देश के अधिकतर नेतागण भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. वे विकास के नाम पर कम और विपक्ष की गलतियों के खिलाफ ज्यादा वोट मांगते हैं. जब इन भ्रष्ट नेताओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कानूनी लगाम लगाम लगायी जाती है, तो सभी पार्टियों के नेता एकजुट होकर इसका विरोध कर रहे हैं. जब कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए कोई तथ्य छिपाता है, तो उसकी सेवा रद्द कर दी जाती है, तो फिर एक सजायाफ्ता नेता को संसद में बैठने की छूट कैसे मिल सकती है?
संतोष कुमार, लोहरदगा