डॉ एके पांडेय
महिलाओं में कैल्शियम की कमी आम हो गयी है. कैल्शियम एवं विटामिन डी की कमी के कारण महिलाओं को कम उम्र में ही जोड़ों में दर्द और कमर दर्द की समस्या शुरू हो जाती है. हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ एके पांडेय ने बताया कि 100 महिलाओं में करीब 40 में कैल्शियम एवं विटामिन डी की कमी पायी जा रही है.
पोस्ट मिनोपॉज (मासिक धर्म) बंद होने के बाद महिलाओं में विटामिन डी की कमी ज्यादा हो जाती है. गर्भवती महिलाओं में पर्याप्त मात्र में कैल्शियम की जरूरत होती है, क्योंकि गर्भ में पल रहे बच्चे को मां से ही कैल्शियम की पूर्ति होती है. गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन एक लीटर दूध एवं कैल्शियम की दवा लेनी चाहिए. कैल्शियम की पूर्ति के लिए नियमित व्यायाम एवं दूध का सेवन करना चाहिए. शरीर में कैल्शियम की कमी का पता लगाने के लिए बीएमडी (बोन डेनस्टी टेस्ट) टेस्ट कराना चाहिए. बीएमडी टेस्ट का सामान्य रेंज 0-1 है. 1 से 2.4 में व्यक्ति को आस्टियोपेनिक एवं 2.5 से ऊपर रिजल्ट आने पर आस्टियोपोरोसिस की बीमारी होती है.
लेखक आरजेश्योर अस्पताल, एचबीरोड रांची के हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं