बुडापेस्ट : पहलवान संदीप तुलसी यादव ने सीनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में यहां ग्रीको रोमन वर्ग में भारत की तरफ से पहला पदक जीतकर नया इतिहास रचा. उन्होंने 66 किग्रा भार वर्ग में सर्बिया के अलेक्सांद्र मकासिमोविच को हराया. संदीप ने सर्बियाई पहलवान को 4-0 से हराकर कांस्य पदक जीता. इससे पहले राजबीर चिकारा (74 किग्रा) और नवीन (120 किग्रा) शुरु में ही बाहर हो गये थे.
संदीप के इस शानदार प्रयास से पहले भारत की तरफ से इस प्रतियोगिता में ग्रीको रोमन में सबसे बढिया प्रदर्शन मुकेश खत्री ने 2001 विश्व चैंपियनशिप में किया था. वह तब 54 किग्रा में पांचवें स्थान पर रहे थे. भारत का इस साल विश्व चैंपियनशिप में यह सबसे बढिया प्रदर्शन है. इससे पहले फ्रीस्टाइल में अमित कुमार दहिया ने रजत और बजरंग ने कांस्य पदक जीता था.
फ्रीस्टाइल के पहलवान ओवरआल टीम रैंकिंग में छठे स्थान पर रहे और इस तरह से भारत पहली बार विश्व कप के लिये क्वालीफाई करने में सफल रहा जो अगले साल मार्च में होगा.
इस्ताम्बुल में 2011 में पहले दौर में बाहर होने वाले संदीप ने पहले पीरियड में अधिक प्रयास नहीं किये. रेफरी ने तब दोनों पहलवानों को चेतावनी दी. संदीप को एक और चेतावनी मिली जिससे उनके प्रतिद्वंद्वी को फायदे की स्थिति मिली लेकिन भारतीय पहलवान ने उन्हें अंक हासिल नहीं करने दिया. तीन मिनट के पहले पीरियड में कोई स्कोर नहीं बना.
दूसरे पीरियड में सर्बियाई पहलवान को चेतावनी मिलने के कारण संदीप फायदे की स्थिति में आ गया और उन्होंने दो अंक जुटा दिये. इसके बाद उन्होंने जवाबी हमले से दो अंक और जुटाये और इस तरह से भारत ने सात दिन तक चली चैंपियनशिप का सकारात्मक अंत किया.
इससे पहले संदीप ने स्पेन के इस्माइल सांचेज को 5-0 और मालदोवा के मिहैल कासनिसीनु को 6-2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया जहां कोरिया के हान सु रियु ने उन्हें 10-0 से हराया. संदीप ने इसके बाद रेपाशाज में स्वीडन के शारुर वर्दनयान को 6-4 से हराया. अन्य भारतीय पहलवानों में चिकारा फिनलैंड के वेल कारी सोमीनेन से 0-5 से जबकि नवीन तुर्की के रिजा कायाल्प से 0-4 से हार गये.