औरंगाबाद (ग्रामीण) : मगध प्रमंडल के आयुक्त आरके खंडेलवाल ने शनिवार को समाहरणालय के सभाकक्ष में जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा की उपस्थिति में सुखाड़ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की.
इस दौरान कृषि, आपदा प्रबंधन, सिंचाई व विद्युत विभाग के अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण दिशा–निर्देश दिये.
इस दौरान जिलाधिकारी ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिले में धान के आच्छादन, वर्षापात, डीजल अनुदान वितरण, वैकल्पिक फसल तोरिया से आच्छादन एवं जल स्तर के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. डीएम ने बताया कि 12 सितंबर तक 950 मिलीमीटर सामान्य वर्षा होनी चाहिए थी. लेकिन, मात्र 564 मिलीमीटर ही वर्षा हुई, जो अनुमानित सामान्य वर्षा की तुलना में 41 प्रतिशत कम है.
वर्तमान खरीफ मौसम का माह जुलाई एवं अगस्त धान रोपनी के दृष्टिकोण से उपयरुक्त महीना माना जाता है. लेकिन, इन दोनों महीनों में सामान्य से 43 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. डीएम ने कहा कि 35 हजार हेक्टेयर जो आच्छादित है, वहां 17 हजार हेक्टेयर में वैकल्पिक फसल तोरिया लगायी जा चुकी है.
शेष 18 हजार हेक्टेयर में 3-4 दिनों में तोरिया फसल लग जायेगी. उन्होंने डीजल अनुदान वितरण की अद्यतन स्थिति से भी अवगत कराया. मगध आयुक्त ने नहर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे नहर के पानी को अपने प्रयास से अधिकतम लाभ किसानों को देंगे.
उन्होंने विद्युत कार्यपालक अभियंता को भी आठ बजे प्रात: से आठ बजे रात्रि के बीच आठ घंटे कम से कम विद्युत उपलब्ध रखने का निर्देश दिया. सिविल सजर्न एवं जिला पशुपालन पदाधिकारी को क्रमश: मानक दवा, पशु दवा इत्यादि पर्याप्त मात्र में भंडारण का निर्देश दिया.
कार्यपालक अभियंता पीएचइडी ने बताया कि वर्तमान समय में पीने की पानी की कोई समस्या नहीं है. आयुक्त ने डीजल अनुदान वितरण के अनुश्रवण का निर्देश दिया. बैठक के अंत में डीएम ने कहा कि वर्तमान स्थिति में सभी पदाधिकारियों से अपेक्षा है कि आपदा प्रबंधन विभाग या जिला स्तर से कोई निर्देश प्राप्त होता है, तो शत–प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें.
बैठक में अधीक्षण अभियंता उतर कोयल नहर, अधीक्षण अभियंता सोन उच्च स्तरीय प्रमंडल, सिंचाई विभाग के सभी कार्यपालक अभियंता, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी व अन्य मौजूद थे.