बेंगलूर: भाजपा के साथ विलय को खारिज करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा की पार्टी कर्नाटक जनता पक्ष ने आज अपनी अलग पहचान को बनाए रखने निर्णय लिया लेकिन साथ ही प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी का समर्थन करने की बात भी कही.
केजेपी की अलग पहचान बनाए रखने के पीछे भाजपा के साथ के ‘खराब अनुभवों’ को कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि विलय का मुद्दा ही नहीं है, फिर चाहे उन्हें विलय के बाद उन्हें पार्टी का नेतृत्व करने को ही क्यों ना कहा जाए. येदियुरप्पा ने उन सभी रिपोटरें को खारिज किया कि उनके करीबी सहयोगी लेहर सिंह भाजपा के साथ केजेपी के संभावित विलय के संबंध में बात करने दिल्ली गए हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री को घर वापस लाने के लिए लेहर सिंह द्वारा लॉबिंग किए जाने की खबरों के बीच येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘लेहर सिंह अपने काम की वजह से दिल्ली गए होंगे, मैंने किसी को दिल्ली नहीं भेजा है.’’ कोर समिति की बैठक के एक दिन बाद हुई राज्य कार्यकारणी की बैठक में उसके कई नेताओं ने कहा कि केजेपी को अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखनी चाहिए लेकिन उसे राजग का हिस्सा बनकर मोदी का समर्थन करना चाहिए.
चुनाव पूर्व गठबंधन पर किए गए प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चुनाव में भाजपा को जहां ज्यादा मत मिले थे वहां भाजपा लड़ेगी और जहां मुङो ज्यादा मत मिले थे वहां केजेपी लड़ेगी.’’उन्होंने कहा, ‘‘यदि केजेपी और भाजपा साथ आते हैं तो हम कम से कम 15 से 16 सीटें जीतने में सफल रहेंगे.’ उन्होंने कहा कि वह लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनेंगे.