धालभूमगढ़ : जड़शोल गांव के टोला बाघाशोल की रहने वाली महिला मजदूर जासमी किस्कू की मौत सोमवार को हो गयी. मृतका के पति रामू किस्कू और वार्ड सदस्य अनिता किस्कू ने बताया कि जासमी केके उद्योग में काम करती थी.
जनवरी 2013 से उसकी तबीयत खराब थी. धालभूमगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उसका इलाज चल रहा था. शारीरिक अवस्था खराब होने के कारण वह चल फिर नहीं सकती थी.
उसे सांस में लेने में दिक्कत होती थी. उसे भूख लगती थी, परंतु खाने में रुचि नहीं लेती थी. मालिक पर दबाव बनाने से चिकित्सा के लिए एक बार दुर्गा नर्सिग होम बारीपादा इलाज के लिए ले जाया गया था.
इसके बाद जमशेदपुर में एक चिकित्सक के पास उसे इलाज के लिए ले जाया गया. उसका इलाज से संबंधित कागजात प्रबंधन अपने पास रखा है. वार्ड सदस्य अनिता किस्कू ने बताया कि बारीपादा में डॉ खोंलवाल ने बताया था कि पत्थर उद्योग के प्रदूषण से प्रभावित होकर जासमी की स्थिति गंभीर हुई है.
विदित हो कि बाघाशोल गांव की महिला मजदूर मुखी किस्कू की भी मौत लगभग चार माह पूर्व हुई थी. परिजनों ने मांग की है कि मृतक के आश्रित को पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाये.