मुजफ्फरपुर: धर्मशाला चौक के निकट मौर्या होटल में लंबे समय से चल रही वेश्यावृत्ति का भंडाफोड़ हुआ है. नगर डीएसपी उपेंद्र कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार की दोपहर छापेमारी की गयी, जिसमें होटल संचालक राम अयोध्या ठाकुर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पकड़ी गयी महिलाओं में एक आंगनबाड़ी सेविका भी है. देर रात तक पुलिस छापेमारी में जुटी थी.
नगर डीएसपी उपेंद्र कुमार को गुप्त सूचना मिली कि धर्मशाला चौक के पास मौर्या होटल में देह व्यापार का धंधा होता है. सूचना मिलते ही एक टीम का गठन किया गया, जिसमें थानाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद, दारोगा अवनि भूषण, विभा रानी, एएसआइ जेएन सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे. टीम ने होटल में छापेमारी कर भगवानपुर चौक निवासी चितरंजन शर्मा, गोला बांध रोड के गौरव उर्फ गुड्ड व बेलसर निवासी पंकज कुमार को आपत्तिजनक अवस्था में गिरफ्तार कर लिया. होटल के एक कमरे से संचालक पताही निवासी राम अयोध्या ठाकुर को पुलिस ने पकड़ लिया.
पूछताछ के क्रम में संचालक ने डीएसपी को चकमा देने का प्रयास किया. लेकिन उसकी एक नहीं चली. उसके कमरे से पुलिस ने कंडोम भी बरामद किया है. वहीं, दूसरे कमरे से पुलिस ने कुढ़नी के जवाहर सिंह को हिरासत में लिया है. उसका कहना था कि वह पत्नी का इलाज कराने आया था. हालांकि, पुलिस उसके नाम-पते का सत्यापन करने में जुटी है. पुलिस ने होटल का रजिस्टर समेत कई अन्य कागजात भी जब्त किया है. बताया जाता है कि इसके पूर्व भी पुलिस इस होटल पर कई बार छापेमारी कर चुकी है, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी थी.
आंगनबाड़ी सेविका भी धरायी
होटल में छापेमारी के दौरान मड़वन की रहने वाली एक आंगनबाड़ी सेविका भी पुलिस के हत्थे चढ़ गयी. हालांकि, छापेमारी के दौरान उसने पुलिस को चकमा दे दिया, लेकिन नगर थाने पर पूछताछ में उसकी पहचान उजागर हो गयी. उसने बताया कि गौरव उर्फ गुड् नाम के युवक ने उससे पांच हजार रुपये उधार लिये थे. होटल में वह पैसे देने के लिए बुलाया था. वहीं, पंखाटोली की रहने वाली एक युवती का पति टेंपो चालक है.
जब्त होगा होटल
होटल में देह व्यापार की पुष्टि होने पर संपत्ति जब्त की जायेगी. देह व्यापार की सूचना पर डीजीपी ने एसएसपी से बातचीत कर नये कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. वहीं, इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी केस के आइओ बनाये जायेंगे.
दो सौ में देता था कमरा
पूछताछ के दौरान संचालक ने पुलिस को बताया कि छह साल से वह इस धंधे में लिप्त था. दो सौ रुपये में महज कुछ घंटों के लिए वह कमरा उपलब्ध कराता था. पुलिस को उसके खाते में आठ लाख रुपये जमा होने की भी जानकारी मिली है.