पटना: धरना-प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज से आक्रोशित बिजलीकर्मी शुक्रवार की शाम चार बजे हड़ताल पर चले गये. धीरे-धीरे पूरे राज्य में अंधेरा पसर गया. राजधानी में दिन के साढ़े चार बजे बिजली गुल हुई. इसके बाद राज्य के अन्य शहरों में भी बिजली गायब होने का सिलसिला शुरू हो गया. आठ घंटे तक पूरे बिहार में ब्लैक आउट रहा. स्थिति बिगड़ते देख राज्य सरकार ने पावरग्रिड से सहायता मांगी, पर यह नाकाफी साबित हुआ.
बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुरोध पर जब यूनियन नेता बातचीत के लिए नहीं आये, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पहल कर बिजली यूनियन के नेताओं को अपने आवास पर बुलाया. साढ़े नौ बजे रात्रि में बातचीत आरंभ हुई और लगभग घंटे भर बाद साढ़े 10 बजे गिरफ्तार बिजली कर्मियों को छोड़े जाने की शर्त पर बिजली कर्मियों ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की.
रात 12 बजे के बाद ही सुधार होना शुरू हुआ. इधर, मुख्यमंत्री ने पटना के जिलाधिकारी डॉ एन सरवन कुमार व एसएसपी मनु महाराज को लाठीचार्ज की घटना की जांच का आदेश दिया. बिजली यूनियन के नेताओं ने कहा कि पुलिस ने कर्मियों पर बर्बरतापूर्वक लाठियां चलायीं. इस दौरान सौ से अधिक गिरफ्तार किये गये और दो दर्जन से अधिक को गंभीर चोट आयी. बाद में गिरफ्तार किये गये बिजलीकर्मियों को रिहा कर दिया गया.