नयी दिल्ली : 16 दिसंबर दिल्ली गैंगरेप मामले में आज चारों आरोपियों को मौत की सजा सुनायी गयी.सजा के ऐलान के तुरंत बाद पीड़िता की मां ने फैसले पर संतोष जाहिर किया. उन्होंने कहा, ‘‘हलक में सांस अटकी थी, जो अब बाहर निकली है. मैं धन्यवाद करती हूं देश के लोगों का और मीडिया का.’’ इसके अलावा, सजा सुनाये जाने के वक्त पीड़िता के पिता और दोनों भाई भी खचाखच भरे अदालत कक्ष में मौजूद थे.
मुकेश की तरफ से पेश होने वाले वकील वी के आनंद ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय में इसके खिलाफ अपील दायर करेंगे. विशेष लोक अभियोजक दयान कृष्णन ने कहा, ‘‘मैंने अपना काम किया और हम (अभियोजन) फैसले से खुश हैं.’’ सजा सुनाए जाने के ठीक बाद अदालत के बाहर इंतजार कर रहे लोग तालियां बजाने लगे.
बचाव पक्ष के वकील ए पी सिंह ने कहा कि वह उच्च न्यायालय का तभी रुख करेंगे जब ‘इस फैसले के अगले दो महीने में कोई बलात्कार नहीं होता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि देश चाहता है कि यह मामला दूसरों के लिए एक नजीर बने तो मैं अपराध परिदृश्य देखने के लिए दो महीने इंतजार करुंगा. इस मामले में मौत की सजा के बाद अगर दुष्कर्म की घटना नहीं होती है तो मैं लिखकर दूंगा कि मेरे मुवक्किलों को फांसी दे दी जाए.’’ सजा सुनाए जाने के बाद जोर जोर से रो रहा विनय अदालत कक्ष में ही बैठ गया जब पुलिस कर्मी उसे वापस जेल ले जाने के लिए आये.
साकेत अदालत में दोपहर के भोजन के बाद का कामकाज मानों थम सा गया था. कर्मचारी और वादी बड़ी व्यग्रता से सजा का इंतजार कर रहे थे. छह मंजिल के अदालती भवन का गलियारा लोगों से खचाखच भरा हुआ था.