नयी दिल्ली : कांग्रेस ने आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर आरोप लगाया कि वह नरेंद्र मोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए भगवा पार्टी पर अपना फैसला थोप रहा है. आरएसएस से मंजूरी मिलने के बाद भाजपा ने लालकृष्ण आडवाणी तथा पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के विरोध के बावजूद नरेंद्र मोदी को 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के मुद्दे पर आज अपने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाने का निर्णय किया है.
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने एक ट्वीट में आरोप लगाया, ‘‘पुरातनपंथ का चोला पहने एक बूढ़ा व्यक्ति आंतरिक लोकतंत्र के नाम पर अपना फैसला भाजपा के गले उतारना चाहता है.’’ भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आज शाम 5 बजे संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है जब मोदी पर किसी फैसले की घोषणा किए जाने की उम्मीद है. घोषणा में बाधा बन रहे आडवाणी ने उल्लेख किया है कि मोदी के नाम की घोषणा किए जाने से भ्रष्टाचार और महंगाई जैसे मुद्दों पर संप्रग सरकार के खिलाफ भाजपा का अभियान कमजोर होगा क्योंकि तब सारा ध्यान मोदी पर ही होगा.
आडवाणी ने हालांकि मुद्दे पर सार्वजनिक रुप से कुछ नहीं कहा है, लेकिन उनके करीबी सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी ने मोदी को समाज तथा पार्टी में ‘‘ध्रुवीकरण का नेता’’ करार देकर उन पर हमला बोला था और प्रधानमंत्री के रुप में स्थिर तथा प्रभावी सरकार चलाने में उनकी योग्यता पर सवाल उठाया था.कुलकर्णी ने मोदी का नाम लिए बिना ट्विटर पर कहा, ‘‘एक सामाजिक ध्रुवीकरण नेता ने खुद अपनी पार्टी का भी ध्रुवीकरण कर दिया है. क्या वह केंद्र में सुगम, स्थिर और प्रभावी सरकार चला सकता है ? गंभीरता से सोचिए.’’ मोदी खेमे के नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उनका नाम जल्द से जल्द घोषित किया जाना चाहिए. इसने सिंह पर जहां तक संभव हो, एक व्यापक आम सहमति बनाने तथा मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का दबाव बना दिया.