लखनऊ: हाल में साम्प्रदायिक हिंसा की आग में जले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर तथा आसपास के जिलों के ग्रामीण इलाकों में व्याप्त तनावपूर्ण खामोशी राज्य सरकार के लिये अब भी चिंता का विषय बनी हुई है और तनाव को खत्म करने के लिये इलाके के सैकड़ों गांवों में पुलिस पिकेट और सचल दलों की मदद ली जा रही है.
उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर और आसपास के 547 गांवों में पुलिस पिकेट लगाये गये हैं. साथ ही 536 सचल दलों को उनमें से तीन-तीन गांवों की जिम्मेदारी दी गयी है. इन दलों में तैनात पुलिसकर्मी गांवों में जाकर लोगों से मुलाकात और बातचीत करके हालात की नब्ज टटोलकर उससे अपने आला अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं. इसका मकसद दोनों समुदायों के बीच व्याप्त शंकाओं को दूर करना है.
गुप्ता ने बताया कि मुजफ्फरनगर के सिविल लाइंस, कोतवाली तथा नई मंडी इलाकों में आज कफ्यरू में सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक ढील दी गयी है और अंतिम समाचार मिलने तक कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. इस बीच, गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों मुजफ्फरनगर से शुरु होकर आसपास के जिलों में फैली साम्प्रदायिक हिंसा में अब तक कुल 47 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें मुजफ्फरनगर में 39, बागपत तथा शामली में तीन-तीन, सहारनपुर तथा मेरठ में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु के मामले शामिल हैं.