रांची :विगत कुछ वर्षों से देश के साथ ही झारखंड में भी दुष्कर्म की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. 10 तारीख को भी रांची जिले के डकरा क्षेत्र में एक चार वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना घटी. प्रदेश में कोई ऐसा दिन नहीं जाता है, जब रेप या फिर गैंगरेप की घटना नहीं घटती है. कई मामले तो उजागर भी नहीं हो पाते हैं. पुलिस रिकॉर्ड की अगर बात करें, तो सच्चाई यह है कि जुलाई महीने तक दुष्कर्मके 460 मामले दर्ज हुए थे.
बलात्कारके बढ़ते आँकड़ों पर झारखंड पुलिस के एडीजी एस एन प्रधान (विधि व्यवस्था) का कहना है, "आँकड़ों में वृद्धि हुई है लेकिन एक बदलाव भी आया है. अब दुष्कर्म की शिकार पीड़िता या उनके घर वाले मामले जरूर दर्ज करा रहे हैं. पहले कई मामले बताए नहीं जाते थे. रिपोर्टिंग बढ़ी है तो पुलिस तत्काल कार्रवाई भी करती है. अधिकतर मामलों में पुलिस कथित आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी भी कर रही है."
इधर राज्य के आदिवासी कल्याण सचिव राजीव अरुण एक्का ने रामगढ़ जिले के घाटो ओपी क्षेत्र में बिरहोर आदिम जनजाति की युवती के साथ कथित दुष्कर्म के मामले में जिला कल्याण पदाधिकारी से रिपोर्ट तलब की है.
सचिव के मुताबिक अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण योजना के तहत कथित दुष्कर्म की शिकार पीड़िता की सहायता की जाएगी.
उन्होंने बताया कि लिट्टीपाड़ा में पहाड़िया आदिम जनजाति की चार स्कूली लड़कियों के साथ हुई कथित बलात्कार की घटना में 60-60 हजार रुपए की सहायता भेजी गई है. दूसरी किश्त में और 60-60 हजार रुपए दिए जाएंगे.