प्राचार्या की पुत्री ने करायी सदर थाने
में प्राथमिकी
मुजफ्फरपुर: सदर थाना क्षेत्र के राजकीय मध्य विद्यालय डुमरी में उत्पन्न विवाद में बुधवार को निलंबित प्राचार्या की पुत्री नेहा कुमारी ने आक्रोशित भीड़ पर घर में तोड़ फोड़, लूटपाट व जानलेवा हमले की प्राथमिकी थाने में करायी है. उग्र लोगों पर पारंपरिक हथियार से हमला करने जेवरात व दीवान में रखे 50 हजार रुपये लूटने का आरोप लगा है. प्राथमिकी में विद्यालय की शिक्षिकाओं व मुहल्ला वासियों को नामजद किया गया है. नेहा ने शिक्षिकाओं पर अपनी मां को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. सदर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. प्राचार्या की पुत्री ने पुलिस से जान माल की सुरक्षा की मांग की है.
नेहा के अनुसार, आनंद नगर मुहल्ला रोड नंबर दो में आवास है. मां राजकीय मध्य विद्यालय डुमरी में एचएम के पद पर कार्यरत थी. विद्यालय की सहायक शिक्षिका विमला कुमारी व उनके पति राम प्रवेश सिंह के साथ विगत चार महीने से विवाद चल रहा था. इस कारण मां मानसिक रूप से परेशान रहती थीं. सात सितंबर को रजिस्टर में आगमन व निगमन भरने के कारण विवाद शुरू हुआ. विमला कुमारी बोली मुङो जो इच्छा होगी वही करेंगे. मां को काफी प्रताड़ित की गई. इसके बाद ग्रामीणों ने मां के खिलाफ नारेबाजी भी की. रोड पर आगजनी की. जिसमें स्कूल के फर्निचर व अन्य कागजात को आग के हवाले कर दिया गया. उसी दिन 12 बजे घर पर असामाजिक लोग पारंपरिक हथियार से लैस होकर आये, घर पर हमला कर दिया. पुलिस के सहयोग से जान बची. नौ सितंबर की शाम को नामजद व अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया.
ढाई सौ अज्ञात पर प्राथमिकी
गांधी नगर मुहल्ला के 250 लोग, महावीर मंदिर के पीछे और सामने वाले मुहल्ले के लोगों पर प्राथमिकी
इन पर हुई प्राथमिकी
रामप्रवेश सिंह, शिक्षिका विमला देवी, शिक्षिका का दो भतीजा, मंजु कुमारी, मंजु का बेटा शिवम कुमार, पंचायत शिक्षिका शोभा गुप्ता, नूतन कुमारी, अनिल चौधरी, राजीव सिन्हा उर्फ टिंकू, टिंकू का साला विवेक सिन्हा उर्फ कन्हाई, रवि शंकर श्रीवास्तव उर्फ कुक्कू, सबजा देवी, कृष्णा देवी, महापति देवी, मीना देवी, पांचू राम, पांचू राम की पत्नी अनीता देवी, उर्मिला देवी, उर्मिला की बेटी रीता देवी व बबीता कुमारी, सीता देवी, अजय पटेल आदि शामिल हैं.
निरुपमा के आवास पर नहीं दिखी पुलिस
मुजफ्फरपुर. मवि डुमरी की निलंबित प्राचार्या निरुपमा शरण के आवास पर हमले के बाद दिन भर पुलिस बल तैनात रहे, लेकिन बुधवार को वहां पुलिस नहीं दिखी. घर में ताला बंद था. गली में सन्नाटा पसरा था. गली में एक-दो लोग आ-जा रहे थे. आवास की सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों को हटाये जाने के कारण निरुपमा शरण हैरान हैं. वह बताती हैं कि पुलिस ने उन्हें घर की सुरक्षा का आश्वासन दिया था. दूसरे दिन ही पुलिस बल हटा लेना ठीक नहीं है. आसपास के लोगों से उनका घर असुरक्षित है. हालांकि, निरुपमा शरण की नजर में विभागीय अफसरों ने अन्याय किया है. स्कूल की शिक्षिकाएं शतरंज की चाल चल रही हैं.