नयी दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी को पोंजी योजनाओं पर कार्रवाई, भेदिया कारोबार पर अंकुश के लिए कॉल रिकार्ड मांगने तथा छापेमारी की कार्रवाई आदि के लिए नए अधिकार देने के अध्यादेश को सरकार संभवत: फिर से जारी करे. वित्त मंत्रलय के एक शीर्ष अधिकारी ने आज यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा, […]
नयी दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी को पोंजी योजनाओं पर कार्रवाई, भेदिया कारोबार पर अंकुश के लिए कॉल रिकार्ड मांगने तथा छापेमारी की कार्रवाई आदि के लिए नए अधिकार देने के अध्यादेश को सरकार संभवत: फिर से जारी करे. वित्त मंत्रलय के एक शीर्ष अधिकारी ने आज यह जानकारी दी.
अधिकारी ने कहा, ‘‘आज जो स्थिति है, उससे लगता है कि अध्यादेश दोबारा जारी किया जा सकता है.’’ मंत्रिमंडल द्वारा सेबी कानून, 1992 में संशोधन की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 18 जुलाई को प्रतिभूति कानून में संशोधन के बारे में अध्यादेश जारी किया था. इसके तहत सेबी को पोंजी योजनाओं के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार मिला था.
यह अध्यादेश 19 सितंबर को समाप्त हो रहा है. चूंकि प्रतिभूति कानून (संशोधन) विधेयक 2013 संसद के हाल में संपन्न मानसून सत्र में पारित नहीं हो पाया है, ऐसे में अध्यादेश दोबारा जारी करने की जरुरत होगी.सरकार ने जुलाई में कहा था कि इस अध्यादेश से उसकी प्रतिभूति बाजार में धोखाधड़ी तथा अनियमितता रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता का पता चलता है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया था, ‘‘सरकार का मानना है कि इन संशोधनों से सेबी को गड़बड़ी करने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई का कानूनी अधिकार मिलेगा. ये इकाइयां नए-नए तरीकों से निवेशकों को गुमराह कर रही हैं.’’संशोधित कानून के तहत सेबी आम जनता से धन जुटाने वाली 100 करोड़ रपये की योजनाओं का नियमन कर सकता है. नियमों के उल्लंघन के मामले में बाजार नियामक को परिसंपत्ति जब्त करने का अधिकार होगा. सेबी चेयरमैन ‘छापेमारी तथा जब्ती’ का आदेश जारी कर सकते हैं.
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