जमशेदपुर: विद्या भारती चिन्मया विद्यालय की प्रिंसिपल विपिन शर्मा को शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति डॉ प्रणव मुखर्जी ने सम्मानित किया. लेकिन इस सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए उनके मेल पर मात्र एक डमी मेल भेजा गया था, जिसमें उनके मोबाइल नंबर, फोटो, स्कूल के नाम का मिलान किया गया था, लेकिन उन्हें कब दिल्ली पहुंचना और कैसे पहुंचना है, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी थी. हालांकि उन्होंने अपने स्तर पर इसके बारे में सीबीएसइ के रीजनल ऑफिस में फोन से बात की.
बताया गया कि इंतजार कीजिए, लेकिन श्रीमती शर्मा को लगा था कि इंतजार से देर हो सकती है. इस वजह से उन्होंने खुद दिल्ली बात की और इसके बाद उन्हें दिल्ली आने को कहा गया. बगैर किसी आधिकारिक पत्र मिले वह शनिवार को फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना हुई. दिल्ली पहुंचने के बाद भी जब वह विज्ञान भवन पहुंची और बताया कि झारखंड से आयी हैं और जब अपना नाम बताया तो उन्हें यह बताया गया कि उनका नाम उस काउंटर पर नहीं है.
इसके बाद दूसरे काउंटर पर जाने के बाद बताया गया कि उनका चयन भी सम्मानित होने के लिए किया गया है. इससे पहले तक पुरस्कार को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पायी थी. यह बात शहर पहुंचने के बाद प्रिंसिपल विपिन शर्मा ने अपने अनुभवों को शेयर करते हुए कही. इससे पहले उनका स्वागत स्कूल मैनेजिंग कमेटी और स्कूली शिक्षक-शिक्षिकाओं ने किया. स्कूल के मल्टीपरपस हॉल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान श्रीमती शर्मा ने बताया अब उनकी जिम्मेवारी और बढ़ गयी है.