सासाराम (नगर) : ‘अनपढ़ बन कर न रहना बहना, जग में तेरी होगी हंसाई, तू है संस्कारित व शिक्षित परिवार की जननी, नारी अब अबला नहीं, सबला बन कर दिखायी है.
कल्पना व अरुणिमा ने चांद पर जगह बनायी है, अनपढ़ बन कर न रहना..! ‘ यह स्लोगन रोहतास जिले में बहुत हद तक सच साबित हुआ. इसकी बदौलत जिले को बिहार टॉपर बनने का गौरव हासिल हुआ है.
चार साल पहले जिले में शुरू मुख्यमंत्री अक्षर आंचल कार्यकम, साक्षर भारत व महादलित, अतिपिछड़ा व अल्पसंख्यक साक्षरता अभियान ने आधी आबादी की तकदीर को बदल दी. कल तक चूल्हा–चौका, बरतन व गोबर थापने के अलावा कई अन्य घरेलू कार्य तक सीमित रहने वाली असाक्षर महिलाएं अक्षर ज्ञान हासिल कर विकास का इबारत लिखने लगी हैं.
आठ सितंबर को एक बार फिर साक्षरता दिवस पर नव साक्षर महिलाएं अपनी उपलब्धियों को याद करेंगी.
कैदी भी हुए साक्षर
साक्षर भारत मिशन के तहत मंडल कारा, सासाराम व उप कारा, बिक्रमगंज में बंद बंदियों के बीच प्रेरणा कार्यक्रम चला कर 189 निरक्षर कैदियों को साक्षर करने काम किया गया.
इसमें मंडल कारा में बंद 18 महिला बंदी भी शामिल हैं. कार्यक्रम के राज्य साधनसेवी वंशीधर दूबे की माने, तो इस दौरान मंडल कारा के 164 व उपकारा बिक्रमगंज के 25 बंदियों को साक्षर करने का काम किया गया. इतना ही नहीं मंडल कारा में बंदियों को पढ़ने के लिए पुस्तकालय भी खोले गये हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार के 10 हजार पुस्तकें हैं.
दो से नयी योजना
अब दो अक्तूबर से जिला मुख्यालय के 23 टोलों में मुख्यमंत्री झुग्गी–झोंपड़ी महिला साक्षरता कार्यक्रम शुरू होगा. कार्यक्रम अधिकारी (साक्षरता) राघवेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, इस कार्यक्रम में समीप के महिला शिक्षिका अक्षर दूत के रूप में काम करेंगी. साथ ही शिक्षा का अलख जगायेंगे.
सम्मानित होंगे कार्यकर्ता
साक्षरता अभियान में अहम भूमिका व उत्कृष्ट कार्य करने वाले साक्षरता कर्मियों व नव साक्षर महिलाओं को विभाग अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर सम्मानित करेगा. ओझा टाऊन हॉल में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में पुरस्कृत करने की योजना है. इससे लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा.