नयी दिल्ली : उच्चतम और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए न्यायिक नियुक्तियां आयोग गठित करने का रास्ता प्रशस्त करने वाले संविधान (120वां संशोधन) विधेयक को राज्यसभा में जल्दबाजी में पारित कराने का आरोप लगा रहे भाजपा सदस्यों के हंगामे के कारण आज उच्च सदन की बैठक शुरु होने के कुछ ही देर बाद 15 मिनट के लिए स्थगित.
उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि इस बारे में सदन में चर्चा नहीं की जा सकती कि क्या हुआ, क्यों हुआ.प्रसाद ने कहा कि राजग ने विधेयक को व्यापक विचार विमर्श के लिए स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की थी. सरकार ने स्थायी समिति की उपेक्षा क्यों की? सदन में मौजूद संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि विधेयक में कुछ तकनीकी, पेटेंट संबंधी खामी होने की वजह से इसे लोकसभा में पेश नहीं किया जा सका.
इस पर प्रसाद ने कहा कि जब विधेयक में कुछ तकनीकी, पेटेंट संबंधी खामी होने की वजह से इसे लोकसभा में पेश नहीं किया जा सका तो फिर इसे राज्यसभा में जल्दबाजी में क्यों पेश किया गया.उन्होंने मांग की कि कानून मंत्री सदन में आएं और इसके लिए माफी मांगें.
इस बीच तेदेपा सदस्य आसन के समक्ष आ कर पृथक तेलंगाना के गठन के फैसले पर विरोध जताने लगे.सदन में हंगामा थमते ने देख कुरियन ने 11 बज कर करीब 12 मिनट पर बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह उच्चतम और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए न्यायिक नियुक्तियां आयोग गठित करने का रास्ता प्रशस्त करने वाला विधेयक है और अगर इसमें पेटेंट संबंधी खामी है तो देश को क्या संदेश जाएगा. उन्होंने कहा यह उच्च सदन है. सरकार हमें बताए कि पेटेंट वाली भूल है तो कौन सी भूल है. इसी पार्टी के पुरुषोत्तम भाई खोडाभाई रुपाला ने कहा कि हमे पता तो चले कि हमने आखिर किस भूल को विधेयक के साथ पारित कर दिया.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि आज सदन में महंगाई पर चर्चा होनी है और विनियोग विधेयक पारित होना है.इस पर प्रसाद ने कहा कि हम विनियोग विधेयक पारित करने में सहयोग करेंगे लेकिन पहले कानून मंत्री सदन में आएं और स्थिति स्पष्ट करते हुए माफी मांगे.हंगामे के चलते कुरियन ने 11 बज कर 32 मिनट पर बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी.