नयी दिल्ली: भारत ने केरल के मछुआरों की हत्या के मामले में चार इतालवी नौसैनिकों (मरीन) को पूछताछ के लिए एनआईए के समक्ष तत्काल पेश होने को कहा है.भारत का कहना है कि चारों नौसैनिकों के नहीं आने से मुकदमे में विलंब हो रहा है और चारों नौसैनिकों के दो अन्य आरोपी साथियों का भविष्य अटक गया है, जो इस समय भारत में हैं. चारों मरीन के बतौर गवाह पेश होने से इंकार करने से चिन्तित भारत ने इटली से कहा है कि चारों मरीन को तत्काल भेजा जाए.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चारों मरीन को सम्मन भेजकर बुलाया है. ये चारों इतालवी पोत एनरिका लेक्जी पर सवार थे और मौके पर मौजूद थे, जब उनके साथियों मेससीमिलियानो लातोरे और सल्वातोरे गिरोने ने 15 फरवरी 2012 को कथित रुप से दो भारतीय मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. सरकारी सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच कर रही एनआईए के सम्मन देने के बाद चारों मरीन पूछताछ के लिए भारत आने को तैयार नहीं थे.
एनआईए को इन चारों मरीन का कोई भी प्रस्ताव हालांकि मंजूर नहीं है. दोनों देशों के बीच समझौते के अनुसार इटली भारत के साथ सहयोग को प्रतिबद्ध है.
एनआईए इतालवी पोत के मास्टर उम्ब्रेतो वित्तेली, चीफ आफिसर जेम्स मैन्डले सैम्सन, सेकण्ड आफिसर साहिल गुप्ता, नाविक फुलबेरिया मारेन्द्र, कुमार नरेन और पूर्व नाविक के तिरुमल राव से पहले ही पूछताछ कर उनके बयान दर्ज कर चुकी है. उच्चतम न्यायालय ने मामला राष्ट्रीय राजधानी स्थानांतरित कर दिया था. उसका कहना था कि मामले में केरल पुलिस का अधिकार क्षेत्र नहीं बनता. शीर्ष अदालत ने मामले की जांच एनआईए को सौंपने के सरकार के फैसले का भी समर्थन किया था.