गंगा अब भी बक्सर से भागलपुर तक खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. हालांकि, दीघा व मुंगेर को छोड़ कर इसके जल स्तर में कमी आयी है. खगड़िया जिले में गोगरी-नारायणपुर तटबंध क्षतिग्रस्त होने से दर्जनों गांवों में पानी फैल गया है. सरकारी आंकड़े के अनुसार, बाढ़ से अब तक 171 लोगों की मौत हुई, जबकि 113 करोड़ का नुकसान पहुंचा है. पांच लाख हेक्टेयर की फसलें नष्ट हो गयी हैं.
पटना: पटना जिले के आठ प्रखंडों की 40 पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ, जिनमें 12 पंचायतों की स्थिति भयावह बनी हुई है. दानापुर दियारे में 10 दिनों से बाढ़ का पानी लगभग स्थिर बना हुआ है. इससे दियारे के लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गयी हैं. करीब 50 हजार लोग ऊंचे मकानों की छतों पर शरण लिये हुआ है. समाहरणालय घाट से दीघा घाट तक करीब दो हजार लोग अपने मवेशियों के साथ रह रहे हैं. जिला प्रशासन की ओर से दानापुर, अथमलगोला, बख्तियारपुर, घोसवरी व बाढ़ में राहत कैंप लगाये गये हैं. प्रशासन का दावा है कि शिविरों में करीब दो हजार लोग रह रहे हैं, जिन्हें पक्का भोजन दिया जा जा रहा है.जिले के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 226 नावों को लगाया गया है.
सारण में गंगा 125 व सरयू आठ सेमी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसके अलावा सोंधी, तैल, माही, गंडकी और बोहटा नदियों में भी उफान है. मंगलवार को रिविलगंज प्रखंड में चार जगहों पर सोंधी नदी के तटबंध से रिसाव शुरू होने से अफरातफरी मच गयी. इसी बीच मांझी की महरा बिनटोली, जलालपुर के भटवलिया, रिविलगंज के ढेलहाड़ी में ओवरफ्लो कर रही सोंधी नदी का पानी रोकने में लगे मजदूरों को बाढ़पीड़ितों ने मारपीट कर भगा दिया और सभी सामान लूट लिया. छपरा-पटना, छपरा-गड़खा, शीतलपुर मार्गो पर आवागमन अब भी ठप है. वहीं, अगले 24 घंटे में गंडक के जल स्तर में वृद्धि की आशंका के मद्देनजर गोपालगंज जिले में जल संसाधन विभाग ने हाइ अलर्ट करते हुए अभियंताओं को तटबंध पर कैंप करने का आदेश दिया है. साथ ही निचले इलाके के लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की गयी है.
भोजपुर के बड़हरा प्रखंड में मंगलवार को गंगा की बाढ़ के पानी में डूबने से दो व्यक्ति की मौत हो गयी, जबकि दो अन्य लोगों को गंभीर अवस्था में बाहर निकल लिया गया. वहीं, बाढ़ से घिरे शाहपुर प्रखंड के सुहिया गांव में दो मंजिला पक्का मकान गिर पड़ा, जिससे उसमें रह रहे लोग घायल हो गये.
भागलपुर जिले में बाढ़ में डूबने से दो किशोरों समेत तीन लोगों की मौत हो गयी. एनएच 80 सुल्तानगंज से नाथनगर के बीच कई जगह कट गया है. गंगा का पानी भागलपुर शहर के घाटों को पार कर आसपास के मुहल्लों में भी फैल गया है. घाट के किनारे बनी इमारतों में पानी घुस गया है. सखीचंद घाट रोड व आदमपुर स्थित बैंक कॉलोनी की स्थिति सबसे ज्यादा खराब हो गयी है. भागलपुर से कहलगांव जानेवाली सड़क बंद हो चुकी है. अब सुलतानगंज-मुंगेर जानेवाली सड़क पर भी खतरा मंडरा रहा है. बाढ़ का पानी घुसने से मंगलवार को बीएसएनएल को नवगछिया व नाथनगर में मोबाइल टावर की सेवा बंद करनी पड़ी. तिलकामांझी भागलपुर विवि में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है. कुलपति ने बताया कि प्रशासनिक भवन बंद नहीं किया जा सकता है. कार्यालय में कार्य करने की जब कोई संभावना ही नहीं रहेगी, तभी बंद किया जा सकता है. महिला छात्रवास में साइकिल, चौकी व कुरसियां सड़ रही हैं.नाथनगर प्रखंड की बैरिया पंचायत के रसीदपुर गांव के पास शाम के चार बजे एक नाव गंगा के धार में डूब गयी, जिससे एक भैस की मौत हो गयी. बिहार कृषि विवि में भी बाढ़ का असर दिखने लगा है. टिश्यू कल्चर से निकला केले का प्लांटिक मटेरियल, जो पौली हाउस में था, उसमें बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
गंगा में उफान के कारण समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर, पटोरी, मोहनपुर व विद्यापतिनगर प्रखंडों में त्रहिमाम की स्थिति है. इन प्रखंडों में लगभग दो लाख आबादी पीड़ित है. वे सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं.हाजीपुर बाजिदपुर बांध से कई जगह रिसाव हो रहा है. तटबंध को बचाने के लिए मिट्टी भरे बोरे और बोल्डर गिराये जा रहे हैं. फिर भी बांध टूटने का खतरा बना हुआ है.
इधर, बचाव व राहत कार्य में गड़बड़ी को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. बाढ़पीड़ितों ने पटना सिटी व मनेर में एनएच जाम किया, तो फतुहा में प्रखंड कार्यालय का घेराव किया गया. बक्सर में चौसा प्रखंड कार्यालय के पास बाढ़पीड़ितों ने वितरण में गड़बड़ी को लेकर बक्सर-कोचस मार्ग को लगभग पांच घंटे तक जाम रखा. बेगूसराय जिले में बलिया नगर पंचायत के लखमिनियां गांव के उर्दू मध्य विद्यालय में बाढ़पीड़ितों ने बीडीओ अशोक सिंह व शिक्षकों से हाथापाई की व बीडीओ की गाड़ी का शीशा भी तोड़ दिया. लोगों का आरोप था कि बाढ़पीड़ितों की सूची सही नहीं है.