13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मधेपुरा फैक्टरी में चीनी कंपनी की रुचि

पटना: राज्य का माहौल बदला, तो देश-विदेश की नामी-गिरामी कंपनियों ने बिहार में निवेश करने में अपनी दिलचस्पी दिखायी है. रेल मंत्रलय की प्रस्तावित परियोजना मधेपुरा के इलेक्ट्रिक लोकोमेटिव फैक्टरी के लिए जारी ठेका में चीन की दो कंपनियों सहित कुल छह नामी-गिरामी कंपनी शामिल हुई हैं. ठेका डालनेवाली चीन की कंपनी का नाम सीएनआर […]

पटना: राज्य का माहौल बदला, तो देश-विदेश की नामी-गिरामी कंपनियों ने बिहार में निवेश करने में अपनी दिलचस्पी दिखायी है. रेल मंत्रलय की प्रस्तावित परियोजना मधेपुरा के इलेक्ट्रिक लोकोमेटिव फैक्टरी के लिए जारी ठेका में चीन की दो कंपनियों सहित कुल छह नामी-गिरामी कंपनी शामिल हुई हैं. ठेका डालनेवाली चीन की कंपनी का नाम सीएनआर कॉरपोरेशन व सीएसआर कॉरपोरेशन है. रेलवे के नियमानुसार चीन की कंपनी पास करती है, तो बिहार के लिए भी यह उपलब्धि होगी.

लागत 1300 करोड़
1300 करोड़ की लागत से बननेवाली मधेपुरा की इलेक्ट्रिक इंजन लोकोमेटिव फैक्टरी के लिए मंत्रलय ने बीते दिनों ठेका जारी किया गया था. चीन की उपरोक्त दोनों कंपनियों के अलावा जीइ ग्लोबल, बमबार्डियर, सीमंस व एलस्टम शामिल है. ठेका जारी करने की अंतिम तिथि सोमवार थी. इसमें शामिल हुई इन छह कंपनियों में किसे मधेपुरा फैक्टरी के निर्माण का ठेका दिया जाये, इस पर रेल मंत्रलय को विचार करना है. सभी नियम-कानून को पूरा करनेवाली कंपनी को ही इसकी जिम्मेवारी दी जायेगी. तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने वर्ष 2008 में मधेपुरा लोकोमेटिव फैक्टरी की घोषणा की थी. उस साल मढ़ौरा में भी डीजल लोकोमेटिव फैक्टरी की घोषणा रेल बजट में की गयी थी. उस समय दोनों फैक्टरियों को पीपीपी मोड से बनाने की घोषणा की गयी.

कोई प्रगति नहीं होता देख वर्ष 2009 में इसे रेलवे ने अपना प्रोडक्शन यूनिट मानते हुए अपने फंड से निर्माण की बात कही. लेकिन, जब यूपीए-टू की सरकार बनी तो फिर से इसे पीपीपी मॉडल में ही काम कराने की बात कही गयी. हालांकि, देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था में इसे पीपीपी मॉडल में साकार करने में परेशानी हो सकती है. इसे देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय इसकी निगरानी कर रहा है. मधेपुरा व मढ़ौरा के लिए 2011 में भी ठेका जारी किया गया था. इसके बाद इसकी तिथियों में बदलाव होते चला गया. अंतत: दो सितंबर को ठेका प्रक्रिया की तिथि समाप्त हुई. मढ़ौरा डीजल लोकोमेटिव फैक्टरी का ठेका 22 सितंबर को खुलेगा. इस पर दो हजार 25 करोड़ खर्च होने की संभावना है. रेलवे के पास फिलहाल वाराणसी में डीजल व चितरंजन में इलेक्ट्रिक लोकोमेटिव फैक्टरी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें