– गोरखालैंड आंदोलन. विमल गुरुंग विद्यार्थियों को भी सड़क पर लाने की तैयारी में
– गुरुंग का सुबह की प्रार्थना में गोरखालैंड की शिक्षा देने का आग्रह
– विमल गुरुंग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर साधा निशाना
दार्जिलिंग : गोरखालैंड को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के बंद के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार से पहाड़ का दौरा करेंगी. मुख्यमंत्री मंगलवार को कालिम्पोंग में लेप्चा समुदाय के कार्यक्रम में शिरकत करेंगी.
लेप्चा समुदाय ने मुख्यमंत्री के सम्मान का कार्यक्रम रखा है. इस बीच गोजमुमो चाहता है कि गोरखालैंड के लिए बच्चे भी सड़क उतरें. स्थानीय संत जोसेफ खेल मैदान में रविवार को शैक्षणिक संगठनों की सभा को संबोधित करते हुए गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग ने कहा कि गोरखालैंड को हासिल करने के लिए तृणमूल स्तर पर बच्चों को शिक्षा देने का काम करना होगा. उन्होंने पहाड़ के सभी स्कूलों में प्रार्थना के समय गोरखालैंड को लेकर शिक्षा देने की अपील की.
गुरुंग ने प्रत्येक शनिवार व रविवार को मिशनरी स्कूलों के बच्चों से गोरखालैंड को लेकर निकल रही रैली में शामिल होने की अपील की. उनका कहना था कि इस मैदान पर बहुत बड़े खिलाड़ियों का फुटबाल मैच हमने देखा है. अब गोरखालैंड को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ भी एक महत्वपूर्ण मैच हो रहा है. इस मैच में गोरखालैंड का गोल दागना ही होगा. हमें मैच जीतना ही होगा.
गोरखालैंड की मांग को लेकर बच्चे भी सड़क पर हैं. लोकतांत्रिक व गांधीवादी नीतियों के साथ आंदोलन हो रहा है. उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी ने अपने हाथ में लाठी लेकर आंदोलन किया था. अब तक हमने हाथ में लाठी तक नहीं लिया है. बंगाल सरकार के साथ किसी तरह का कोई समझौता नहीं होगा. किसी के सामने घुटना टेकने का सवाल ही पैदा नहीं होता है.
गोरखालैंड का एलान करे केंद्र
गोरखालैंड का मामला केंद्र सरकार से संबंधित है. अब बातचीत उसी के साथ होगी. उन्होंने कहा कि जीटीए एक अस्थायी व्यवस्था है. इस पर हुए समझौते के दौरान केंद्र सरकार को साफ कर दिया गया था कि यदि कोई नया राज्य बनता है.
तो गोरखालैंड पर भी विचार करना होगा. तेलंगाना के गठन के बाद अब केंद्र सरकार को गोरखालैंड देना होगा. गुरुंग ने कहा कि गोरखालैंड की मांग का विरोध कर मुख्यमंत्री आग के साथ खेल रही है. इसका नतीजा बहुत बुरा होगा.
गोरखालैंड हासिल करने में भले ही विमल गुरुंग मर जाये, लेकिन गोरखालैंड को बंगाल से अलग करना ही होगा. इस लड़ाई में हम विजयी हासिल करके ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि यदि गोरखालैंड बन जाता है तो शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनायेंगे. लेप्चा विकास परिषद को लेकर उन्होंने कहा कि इसे लेकर कल वह (मुख्यमंत्री) कालेबुड आ रही हैं.
पहले हमलोगों ने उनका पहाड़ में काफी स्वागत किया था. उन्होंने 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. यह समय खत्म हो गया है. उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया जा रहा है. बंगाल में जितने भी जेल है, उसे खाली करना होगा. चार सितंबर को जीटीए की बैठक में तभी शामिल होंगे, जब उनके सभासदों को छोड़ा जायेगा. रविवार की जनसभा को शर्मिला छेत्री, देवेंद्र लिंबु, मनोहर भुजेल, दीप थापा, डीके छेत्री, केवल चंद्र लामा, नवराज गोपाल छेत्री सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया.