नयी दिल्ली : सरकार ने आज उम्मीद जताई कि बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए 12,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से चलाई जा रही 43 परियोजनाओं के पूरा होने के बाद इन बंदरगाहों की क्षमता में 22 करोड़ टन का इजाफा हो जाएगा.पोत परिवहन राज्य मंत्री मिलिंद देवड़ा ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि 31 मार्च 2013 की स्थिति के अनुसार, देश में सभी बड़े बंदरगाहों की क्षमता 74.490 करोड़ टन प्रति वर्ष थी.
उन्होंने बताया ‘‘इन बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और विस्तार की 43 ऐसी परियोजनाएं हैं जो लगभग 12,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से चल रही है. इनके पूरा होने पर इन बंदरगाहों की क्षमता में 22 करोड़ टन का इजाफा होने की उम्मीद है.’’ देवड़ा ने यह भी बताया कि लौह अयस्क की खुदाई पर उच्चतम न्यायालय की रोक तथा वैश्विक मंदी के कारण सभी बड़े बंदरगाहों में पिछले साल यातायात में कमी आई.उन्होंने डॉ जनार्दन वाघमरे के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि कांडला, जेएनपीटी और हल्दिया डॉक परिसर सहित 13 बड़े बंदरगाहों में इस वर्ष 60.9 करोड़ टन सामान लाने ले जाने का लक्ष्य रखा गया है.
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