नयीदिल्ली : कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन मामलों के राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने आज कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) के कामकाज में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है.राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान नारायणसामी ने आज कहा कि सीबीआई द्वारा किए जा रहे जांच कार्यों’ में सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करती. उन्होंने कहा ‘‘हमारी सरकार ने सीबीआई द्वारा की जा रही जांचों में कभी कोई हस्तक्षेप नहीं किया. संप्रग सरकार कभी भी सीबीआई की जांच में हस्तक्षेप नहीं करेगी.’’ भाजपा के रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया था कि सीबीआई पर जांच के दौरान दबाव डाला जाता है.
नारायणसामी ने चंदन मित्र के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि देश के अलग अलग भागों में सीबीआई की 22 अन्य विशेष अदालतें स्थापित करने की मंजूरी दे दी गई है. उन्होंने बताया कि राज्यों से अनुमोदन मिलने के बाद 15 अदालतों की स्थापना की मंजूरी दी गई जिनमें से 5 गुजरात में और 3..3 अदालतें महाराष्ट्र तथा पश्चिम बंगाल में स्थापित की जानी हैं.
नारायणसामी ने यह भी बताया कि सरकार ने खास तौर पर विभिन्न राज्यों में सीबीआई के मामलों की सुनवाई के लिए वर्ष 2009 में 71 अतिरिक्त विशेष अदालतों की स्थापना करने का फैसला किया था. इनमें से 66 अदालतें काम कर रही हैं.
कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन मामलों के राज्य मंत्री ने बताया कि श्रीनगर स्थित एक अदालत को बंद किया जाना है. ओडिशा में 3 और गोवा में एक अदालत इसलिए शुरु नहीं की जा सकी क्योंकि राज्य सरकारें इनके लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं नहीं मुहैया करा पाइ’.
नारायणसामी ने बताया कि 13 दिसंबर 2012 को उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक केंद्र सरकार ने सीबीआई के मामलों के लिए देश में 22 अतिरिक्त विशेष अदालतें स्थापित करने का निर्णय किया था.
मंत्री ने बताया कि सीबीआई के लिए 22 अदालतों के लिए लोक अभियोजकों सहित 88 पदों की मंजूरी दी गई है. राज्यों से भी इन अदालतों के लिए बुनियादी सुविधाएं और मानव संसाधन मुहैया कराने का अनुरोध किया गया है.