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बिहार:बाढ़ का तांडव,जन-जीवन प्रभावित

गंडक,गंगा और सरयू नदी बह रहीं खतरे के निशान के ऊपरपटना/छपरा/ भागलपुर:सूबे में रुक-रुक कर हो रही बारिश और नेपाल से छोड़े गये पानी के कारण बुधवार को गंडक, गंगा, सरयू और अधवारा समूह की नदियां उफान पर है. गोपालगंज, छपरा, बक्सर, आरा, पटना, मुंगेर और भागलपुर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुसगया […]

गंडक,गंगा और सरयू नदी बह रहीं खतरे के निशान के ऊपर
पटना/छपरा/ भागलपुर:सूबे में रुक-रुक कर हो रही बारिश और नेपाल से छोड़े गये पानी के कारण बुधवार को गंडक, गंगा, सरयू और अधवारा समूह की नदियां उफान पर है. गोपालगंज, छपरा, बक्सर, आरा, पटना, मुंगेर और भागलपुर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुसगया है.

छपरा में गंगा खतरे के निशान से 115 सेमी, सरयू सात सेमी और गंडक 34 सेमी ऊपर बह रही है. वहीं, सोन नदी भी खतरे के निशान से 70 सेमी ऊपर बह रही है. इधर, आरा में भी गंगा का खतरे के निशान से चार सेमी ऊपर है. इससे 240 गांव बाढ़ से घिर गये हैं. मुंगेर में बाढ़ ने बीते 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. यहां भी गंगा खतरे के निशान से 20 सेमी ऊपर बह रही है. जाफरनगर निवासी जगदीश राय ने बताया कि वर्ष 1993 में ऐसा ही बाढ़ आया था, मगर इस साल का बाढ़ उससे भी अधिक विनाशकारी है. यदि इसी तरह बाढ़ का कहर जारी रहा, तो वर्ष 1971 और 1976 का भी रिकॉर्ड टूट सकता है.

गोपालगंज में गंडक नदी भी उफान पर है. इससे कुचायकोट प्रखंड के दर्जनों गांव प्रभावित है. लोग पलायन करने को मजबूर हैं. दियारा इलाके में हाई अलर्ट घोषित किया गया है. बगहा में गंडक नदी के कटाव में प्राथमिक विद्यालय, टाड़ी और दो दर्जन से अधिक घर नदी में बह गये. छपरा-पटना एनएच 19 पर बाढ़ के पानी का बहाव तेज होने से वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप है. छपरा शहर में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया. प्रधान डाक घर व टेलीफोन एक्सचेंज परिसर में बाढ़ का पानी बह रहा है.

गोपालगंज के दियारा इलाके में हाई अलर्ट
गोपालगंज:वाल्मीकि नगर बराज से गंडक में 1.92 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है, जिससे नदी उफान पर है. गंगा में आयी बाढ़ के कारण गंडक का जल नहीं निकल पा रहा है, जिससे गंडक की स्थिति भयावह होने लगी है. दियारा इलाके के चार दर्जन गांवों पर बाढ़ का संकट फिर से मंडराने लगा है. उधर, बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता दिनेश कुमार चौधरी ने हाई अलर्ट करते हुए अभियंताओं को निर्देशित किया है कि लगातार तटबंधों पर चौकसी बरते. उधर, पतहरा, बैकुंठपुर के सलेमपुर, बरौली के बघवार, कुचायकोट में कालामटिहिनिया तटबंधों पर नदी का सीधा दबाव है. पानी के बढ़ने से कटाव थम चुका है. विभाग की ओर से तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गयी है.

नाव डूबी, 19 लोग बचे

मुंगेर:बरियारपुर प्रखंड के एकाशी और हरिणमार में दो अलग-अलग जगहों पर बुधवार को नौका दुर्घटना हुई. हालांकि, इस दुर्घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. एकाशी में यात्रियों से भरी नाव बाढ़ में डूब गयी. नाव पर सवार 19 लोग बाल-बाल बच गये. नाव पर 19 लोग सवार थे, जिसमें 17 लोग तैर कर निकल गये. जबकि ज्योति एवं अरुणा बह गयी. वकील सहनी ने पुल के खंभे से लटकी ज्योति व अरुणा को बचाया. इधर, हरिणमार पंचायत भवन के समीप बाढ़ के पानी में नौका डूब गयी. नौका पर सवार आठ लोग सुरक्षित तैर कर बाहर आ गये.

स्कूल व घर बहे

बगहा के ठकराहां पंचायत के श्रीनगर गांव में मंगलवार रात प्राथमिक विद्यालय, टाड़ी और दो दर्जन घर गंडक नदी में बह गये. हालांकि, इसमें किसी के डूबने की पुष्टि नहीं हुई है. बीडीओ संजय कुमार ने बताया कि गांव की भौगोलिक बनावट के कारण ही ऐसी नौबत आयी है.

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