मुजफ्फरपुर: प्री पीएचडी टेस्ट 2012 में बांग्ला विषय के प्रथम पेपर में परीक्षार्थियों को विषम अंक देने के मामले में गलती कॉपियों की जांच करने वाले परीक्षकों की नहीं थी, बल्कि प्रश्न पत्र की सेटिंग में गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ. दरअसल वस्तुनिष्ठ आधारित इस पेपर में प्रत्येक प्रश्न का मान प्रश्न पत्र पर दो अंक अंकित था. ऐसे में प्रश्न पत्र में प्रश्नों की संख्या 50 होनी चाहिए थी. पर प्रश्न पत्र सेटिंग के दौरान इसमें महज 40 प्रश्न ही अंकित किये गये. ऐसे में परीक्षकों ने स्वविवेक से दो अंकों की जगह ढाई अंकों पर कॉपियों की मार्किग की.
यह खुलासा मंगलवार को प्रतिकुलपति डॉ राजेंद्र मिश्र के नेतृत्व में गठित चार सदस्यीय कमेटी की ओर से कॉपियों की जांच के दौरान हुआ. इसके अन्य सदस्यों में विवि केंद्रीय लाइब्रेरी के अध्यक्ष डॉ प्रसून कुमार राय, मानविकी संकाय के डीन डॉ मो सिद्दीकी व बांग्ला विभागाध्यक्ष डॉ भक्ति गांगुली शामिल थे. इसके बाद कमेटी ने परीक्षकों की मार्किग को सही ठहराते हुए छात्रों के प्राप्तांक में किसी भी तरह का बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया.
यह है मामला
पिछले दिनों घोषित प्री पीएचडी टेस्ट के परीक्षाफल में बांग्ला विषय प्रथम पेपर में करीब आधे दर्जन छात्रों को विषम अंक देने का मामला सामने आया था. छात्रों के हंगामा के बाद परीक्षा बोर्ड की बैठक में कॉपियों की जांच एक विशेष कमेटी से कराने का फैसला लिया गया.