नई दिल्ली : हंगामे के चलते कार्यवाही बाधित होने के कारण बेकार हुए समय की भरपाई के लिए सरकार ने आज संसद के मानसून सत्र की अवधि छह सितंबर तक बढ़ाने का फैसला किया. सरकार को उम्मीद है कि बढ़ायी गयी अवधि में खाद्य सुरक्षा , आर्थिक सुधार तथा भूमि अधिग्रहण जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराया जा सकेगा.
संसदीय मामलों संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने आज संसद भवन में हुई एक बैठक में सत्र की अवधि छह सितंबर तक बढ़ाने का फैसला किया. संसद का मानसून सत्र पांच अगस्त से शुरु हुआ था और यह 31 अगस्त तक चलना है.
आंध्र प्रदेश के तेदेपा और कुछ कांग्रेस सदस्यों के विरोध प्रदर्शन के चलते सदन की कार्यवाही 24 अगस्त तक बाधित होने के कारण लोकसभा में एक तरह से कोई कामकाज नहीं हो सका था और इसी के चलते सरकार ने आज अवधि बढ़ाने का फैसला किया.
कार्यवाही बाधित करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने 23 अगस्त को आंध्र प्रदेश से तेदेपा के चार तथा कांग्रेस के आठ सदस्यों को पांच दिन के लिए लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने से निलंबित कर दिया था. बीते शनिवार को लोकसभा में तीन विधेयक पारित किए गए और महत्वपूर्ण खाद्य सुरक्षा विधेयक को आज चर्चा के लिए लिया गया है.
सरकार को बढ़ायी गयी अवधि में पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण विधेयक 2011 , भूमि अधिग्रहण विधेयक तथा अन्य विधेयकों के पारित होने की उम्मीद है. संप्रग सरकार को अभी भी बीमा विधेयक पर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के रजामंद होने की आशा है.
सरकार के एजेंडे में न्यायिक नियुक्तियां आयोग विधेयक तथा नागर विमानन संबंधी दो विधेयक भी हैं. उधर राज्यसभा में आमतौर पर सामान्य तरीके से कामकाज हुआ और इस सत्र में उपरी सदन में कई लंबित विधेयकों को पारित किया गया.