अयोध्या (लखनउ) : विश्व हिन्दू परिषद ने आज अयोध्या से अपनी विवादास्पद यात्रा की प्रतीकात्मक शुरुआत की, जबकि प्रशासन ने जबर्दस्त धरपकड़ के बीच संगठन के शीर्ष नेताओं..प्रवीण तोगड़िया और अशोक सिंघल को गिरफ्तार कर लिया. तोगड़िया को जहां अयोध्या से गिरफ्तार किया गया, वहीं सिंघल को लखनउ हवाई अड्डे से हिरासत में लिया गया.
अधिकारियों ने लखनउ में बताया कि स्वामी राम भद्राचार्य के साथ नई दिल्ली से पहुंचे सिंघल को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह अयोध्या जाने की जिद पर अड़ गए.
उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीतिक नहीं, बल्कि धार्मिक यात्रा है और इस पर सरकार का प्रतिबंध तथा दमन किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.’’ तोगड़िया ने कहा, ‘‘अब यह आंदोलन भारत के गांव..गांव में जायेगा और कल देश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन किया जायेगा.’’
इसके पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार के साथ टकराव का मोर्चा खोलते हुए रामजन्भूमि न्यास समिति के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास अपने मंदिर मणिराम छावनी से बाहर निकले और कुछ साधु संतों के साथ दस कदम चल कर यात्रा की प्रतीकात्मक शुरुआत की. इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
गोपालदास ने कहा, ‘‘हमने यात्रा शुरु कर दी है. लेकिन इस यात्रा का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. यह यात्रा बारहों महीने चलती है (यह कोई समयबद्ध नहीं).’’प्रशासन ने तोगड़िया और सिंघल के अतिरिक्त एक पूर्व भाजपा सांसद तथा एक वर्तमान विधायक सहित 500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है.
सिंघल को हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गयी है. सिंघल ने कहा, ‘‘मुझे क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है. हमने कौन सा अपराध किया है. हमें बताया जाये. उत्तर प्रदेश में मुगलिया सल्तनत चल रही है. साधु संतों को पूजा अर्चना से रोका जा रहा है.’’ उन्होंने हवाईअड्डा छोड़ने से इनकार किया.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह दिल्ली वापस जायेंगे, सिंघल ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली वापस क्यों जाउंगा. मैं तो अयोध्या जाने के लिए आया हूं.’’ इस बीच, सिंघल को हिरासत में लिए जाने के विरोध में हवाई अड्डे के बाहर मौजूद बड़ी संख्या में भाजपा और विहिप कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए.
यात्रा शुरु होने से पहले पूर्व भाजपा सांसद रामविलास वेदांती और वर्तमान विधायक रामचंद्र यादव को आज सुबह गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि वेदांती को आज सुबह करीब सात बजे उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह अपने घर से परिक्रमा के लिए रवाना हुए. उन्होंने बताया कि विधायक रामचंद्र यादव को भी यहां से गिरफ्तार कर लिया गया.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने सिंघल तथा अन्य साधु संतों की गिरफ्तारी और चौरासी कोसी अयोध्या परिक्रमा पर लगे प्रतिबंध की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार का यह कदम दुर्भाग्यपूर्ण है और उसे किसी धार्मिक कार्यक्रम में व्यवधान नहीं डालना चाहिए.
शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जबकि विहिप ने घोषणा की है कि वह यात्रा के कार्यक्रम पर आगे बढ़ेगी, जिसे सत्तारुढ़ सपा सरकार ने सांप्रदायिकता भड़कने की आशंका के चलते प्रतिबंधित कर दिया है. शहर में कफ्यरू जैसी स्थिति है. दुकानें बंद हैं और नया घाट क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई है.
यात्रा को लेकर कार्रवाई करते हुए पुलिस पहले ही राज्यभर से विश्व हिन्दू परिषद के 500 से अधिक समर्थकों और पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर चुकी है. अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार ने बताया, ‘‘यात्रा में भाग लेने जा रहे 500 से अधिक लोगों को राज्यभर से गिरफ्तार किया गया है जहां प्रस्तावति यात्रा को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.’’
राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अन्य प्रमुख लोगों में सावित्री बाई फूले, विहिप के प्रांतीय समन्वयक आचार्य कुशमुनि और वाराणसी में विहिप के एक पदाधिकारी महंत संतोष दास शामिल हैं. विहिप के जाने माने नेता महंत राम सरन को अयोध्या में राम सनेही घाट से गिरफ्तार किया गया. अमेठी में सागर आश्रम के पीठाधीश्वर अभय चैतन्य मौनी महराज को ऐहतियात के तौर पर नजरबंद कर दिया गया.
अयोध्या में प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी के लिये फैजाबाद के जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में एक टीम ने बीती रात स्थानीय कारसेवकपुरम स्थित विहिप के स्थानीय मुख्यालय, मणिराम छावनी, महन्त नृत्य गोपाल दास के राम जन्मभूमि ट्रस्ट तथा विहिप कार्यकर्ताओं की मौजूदगी की आशंका वाली जगहों पर तलाशी ली.
यात्रा मार्ग में बहराइच में 16, बाराबंकी में 12, फैजाबाद में 10, अम्बेडकरनगर में पांच, गोंडा में तीन तथा बस्ती में दो अस्थायी कारागार बनाये गये हैं. राज्य सरकार ने यात्रा को यह कहकर प्रतिबंधित कर दिया था कि वह कोई नई परंपरा स्थापित करने की अनुमति नहीं देगी.
पिछले 50 सालों में इस तरह की परिक्रमा का आयोजन कभी नहीं हुआ और हिन्दू आस्था के अनुसार यह यात्रा चैत्र मास में की जाती है जो पहले ही गुजर चुकी है.