बोकारो: वर्ष 2000 के दशक से बोकारो के रेलवे ठेका व बोकारो इस्पात संयंत्र के स्क्रैप ठेका मैनेज करने वाले बिहार के जिला छपरा स्थित एकमा विधायक धूमल सिंह उर्फ मनोरंजन सिंह का स्थान अब अमरेंद्र तिवारी ने ले लिया है. रेलवे ठेका व लोहा स्क्रैप के ठेका को लेकर धूमल सिंह गिरोह ने बोकारो में जो दबदबा कायम किया था. वह अब खत्म हो गया है.
वर्ष 2000 के दशक में हुई थी कई हत्याएं : उक्त ठेका को लेकर वर्ष 2000 के दशक में बोकारो के कई नामी रंगदारों की हत्या हुई थी. इसके बाद धूमल सिंह गिरोह ने बोकारो में अपना दबदबा व दहशत बनाया था. रेलवे व स्क्रैप ठेका में दबदबा कायम करने को लेकर बोकारो के रंगदार सुरेंद्र तिवारी, मुकेश सिंह, सलदेव सिंह, उमा सिंह आदि की हत्या हो चुकी है. इसके बाद ही धूमल गिरोह ने बोकारो में वर्चस्व स्थापित किया था. एक बार फिर से बोकारो में धूमल सिंह गिरोह का वर्चस्व समाप्त हो गया है.
धूमल के रंगदार अब अमरेंद्र गिरोह में शामिल : धूमल गिरोह में शामिल शूटर व रंगदार अब बिहार के जिला छपरा, छोटकी गुढा पल्ली निवासी अमरेंद्र तिवारी गिरोह के लिए काम कर रहे हैं. बोकारो में रेलवे ठेका मैनेज कराने के बाद पांच प्रतिशत रंगदारी अमरेंद्र तिवारी के पास छपरा में पहुंच रही है. इस बात का खुलासा अमरेंद्र तिवारी गिरोह के रंगदार सेक्टर नौ के बसंती मोड़, कूलिंग पौंड संख्या 02 निवासी रंगदार वीरेंद्र सिंह ने किया है. अमरेंद्र तिवारी गैंग के लिए स्थानीय रेलवे ठेकेदारों को मोबाइल फोन पर धमकी देकर जीटी की मांग करने वाले वीरेंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर 14 अगस्त 2013 को जेल भेजा है.
जीटी नहीं देने पर ठेकेदार के घर फेंका था बम : वीरेंद्र ने पुलिस को यह भी बताया है कि रंगदारी नहीं देने की सूरत में उसने दहशत कायम करने के लिए रेलवे ठेकेदार पप्पू सिंह के आवास पर बम भी फेंकवाया था. अमरेंद्र तिवारी के गैंग में काम करने वाले माराफारी के गेमन कॉलोनी निवासी अरुण सिंह, बिहार के बाढ़ निवासी राजू सिंह, समस्तीपुर का सुनील कुमार ठाकुर, बालीडीह के टेंपल कॉलोनी निवासी रवींद्र पासवान व वीरेंद्र तिवारी पहले स्थानीय स्तर पर धूमल सिंह गिरोह के लिए काम करते थे. ठेका मैनेज कर रेलवे ठेकेदारों से रंगदारी की वसूली कर धूमल को गिरोह के सदस्य छपरा जाकर पैसा पहुंचाते थे.