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अर्जुन पुरस्कार की चयन प्रक्रिया पर लोकसभा में उठा सवाल

नयी दिल्ली : अर्जुन पुरस्कार विजेताओं की चयन प्रक्रिया को विवादास्पद बताते हुए लोकसभा में आज इस प्रक्रिया की समीक्षा की मांग की गयी. सदन में माकपा के एम बी राजेश ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अर्जुन पुरस्कार विजेताओं के चयन की प्रक्रिया में गंभीर अन्याय और भेदभाव होता है. उन्होंने […]

नयी दिल्ली : अर्जुन पुरस्कार विजेताओं की चयन प्रक्रिया को विवादास्पद बताते हुए लोकसभा में आज इस प्रक्रिया की समीक्षा की मांग की गयी. सदन में माकपा के एम बी राजेश ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अर्जुन पुरस्कार विजेताओं के चयन की प्रक्रिया में गंभीर अन्याय और भेदभाव होता है. उन्होंने कहा कि पूर्व में महान खिलाड़ी मिल्खा सिंह ने खुद इस भेदभाव के विरोध में अर्जुन पुरस्कार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था.

राजेश ने कहा कि यह भेदभाव अभी भी जारी है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष पूर्व वालीबाल कैप्टन टाम जोसेफ को लगातार दसवीं बार अर्जुन पुरस्कार से वंचित कर दिया गया. वह लगातार 15 साल तक भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और उन्होंने छह अंतरराष्ट्रीय ट्राफियां जीती हैं. सदस्य ने कहा कि इसके लिए तर्क दिया गया कि वालीबाल लोकप्रिय खेल नहीं है.

उन्होंने सवाल किया कि क्या चयन समिति सोचती है कि केवल क्रिकेट ही लोकप्रिय खेल है. उन्होंने कहा कि इस चयन समिति का हिस्सा रहे कुछ क्रिकेटरों ने वालीबाल खिलाड़ी को अर्जुन पुरस्कार देने से इनकार कर दिया. अब अर्जुन पुरस्कार की पूरी विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है. यह ऐसा ही है कि नोबेल शांति पुरस्कार कभी महात्मा गांधी को नहीं दिया गया.

राजेश ने सरकार से अर्जुन पुरस्कार की पूरी चयन प्रक्रिया और इस चयन समिति के गठन की प्रक्रिया दोनों की पड़ताल की अपील की. उन्होंने कहा कि देश में केवल क्रिकेट ही नहीं खेला जाता है. फुटबाल, वालीबाल और कई अन्य खेल भी खेले जाते हैं और सभी खेलों को प्रोत्साहित करना सरकार का कर्तव्य है. उन्होंने सरकार से इस मामले में गंभीरता से हस्तक्षेप करने की अपील की.

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