इस्लामाबाद: आम चुनाव में अपनी जीत को भारत के साथ शांति का जनादेश मानते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि दोनों देशों के बीच हथियारों की प्रतिस्पर्धा समाप्त होनी चाहिए और उन्हें कश्मीर पर अपने मतभेद समाप्त करने चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘विभाजन के बाद से ही हम भारत के साथ हथियारों की दुर्भाग्यपूर्ण प्रतिस्पर्धा में लगे हुए हैं और मुझे लगता है कि इस दृष्टि से हम बहुत ही भाग्यहीन देश हैं.’’
प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘द टेलीग्राफ’ के साथ अपने पहले साक्षात्कार में शरीफ ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसका अंत होना चाहिए. रक्षा क्षेत्र में बर्बाद हो रहे धन को सामाजिक क्षेत्र में लगना चाहिए… इसे शिक्षा पर व्यय होना चाहिए था, इसे स्वास्थ्य सेवाओं में जाना चाहिए था.’’ ब्रिटिश अखबार के मुताबिक, शरीफ ने स्पष्ट किया कि वह चुनाव में अपनी जीत को भारत के साथ शांति के जनादेश के रुप में देखते हैं और पाकिस्तान के सबसे पुराने शत्रु भारत के साथ फिर से मेल मिलाप करने के संबंध में पूरी ईमानदारी से बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों को कश्मीर पर अपने मतभेद भी सुलझा लेने चाहिए. नवाज शरीफ का बयान ऐसे वक्त पर आया है जब कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम उल्लंघन के कारण दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है. दोनों पक्ष एक दूसरे पर संधि के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं.उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने सैन्य उपकरणों पर और एक दूसरे के खिलाफ अपनी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने में बहुत धन बर्बाद किया है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वे (भारत) मिग-29 के पीछे भागते रहे और हम एफ-16 के पीछे दौड़ते रहे, वह और ज्यादा टैंक खरीदते रहे और हम ज्यादा सैन्य उपकरण खरीदते रहे. हम पनडुब्बियों के पीछे भाग रहे हैं… कितनी महंगी हैं वे .. और फिर परमाणु हथियार की ओर भारत ने पहले कदम बढ़ाया.’’ पाकिस्तान में शरीफ के पिछले कार्यकाल के दौरान वर्ष 1998 में परमाणु शक्ति बना. उसी दौरान भारत ने भी परमाणु हथियार का परीक्षण किया था. लेकिन शरीफ ने कहा, ‘‘उसमें प्रगति होगी और उसमें प्रगति होनी ही चाहिए… यदि हमें समृद्ध होना है तो इस संबंध में प्रगति होनी ही चाहिए.’’