– राणा अवधूत कुमार –
सासाराम : स्वास्थ्य विभाग अपने हैरतअंगेज कारनामों के लिए पहले भी विख्यात रहा है. पूर्व में भी अधिकारियों के आदेश पर अपेक्षाकृत निर्णय न होने से जिले के कई प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में चिकित्सकों की कमी से इलाज नहीं हो पा रहा है.
अस्पताल प्रबंधन और जिला स्वास्थ्य समिति की बदइंतजामी का ही नतीजा है कि कोचस से डेंगू का शुरू होने वाला आतंक अब करगहर होते हुए जिले में बाकी जगहों पर भी फैल रहा है. अस्पतालों में चिकित्सकों की घोर कमी है. वही, दवाओं के अनुपलब्धता से भी समस्या गंभीर होती जा रही है.
प्रभात खबर शुरू से ही जनहित के मुद्दों पर अभियान चला लोगों को जागरूक करता रहा है. जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर हम सिलसिलेवार ढंग से मुद्दों को रखेंगे. गुरुवार को डेहरी में वर्षो से एक ही स्थान पर काबिज कर्मियों की खबर थी, जिसमें सिविल सजर्न के आदेश के बाद भी कई चिकित्सकों व कर्मियों ने स्थानांतरण रोकवा लिया. सिविल सजर्न जैसे वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना होगी, तो और किससे कार्रवाई की उम्मीद की जाये.
उल्लेखनीय है कि कई मामलों में पूर्व सिविल सजर्न डॉ शिवानंद सिन्हा की भूमिका संदिग्ध रही है. वही, वर्तमान सिविल सजर्न की राय भी यदि पांच दिनों में बदल जाये, तो फिर स्वास्थ्य विभाग में सुधार की अपेक्षा किससे किया जाये और किस पर भरोसा किया जा सके.