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तुङो देने को मेरे पास सिर्फ आशीष है बहना..

भागलपुर: रक्षा बंधन को लेकर बुधवार को भागलपुर केंद्रीय कारा का नजारा अदभुत था. बहनें जेल में बंद अपने भाई को राखी बांधने के लिए मिठाई व पूजा की थाल लेकर पहुंची थीं. सैकड़ों बहनों ने शहीद जुब्बा साहनी जेल और विशेष केंद्रीय कारा में बंदी भाइयों को राखी बांधी. जेल गेट के बगल की […]

भागलपुर: रक्षा बंधन को लेकर बुधवार को भागलपुर केंद्रीय कारा का नजारा अदभुत था. बहनें जेल में बंद अपने भाई को राखी बांधने के लिए मिठाई व पूजा की थाल लेकर पहुंची थीं. सैकड़ों बहनों ने शहीद जुब्बा साहनी जेल और विशेष केंद्रीय कारा में बंदी भाइयों को राखी बांधी. जेल गेट के बगल की खिड़की पर जब बहनों ने बंदी भाई की कलाई पर राखी बांधी और बंदियों ने रुआंसे होकर बहन को जीवन रक्षा करने का वचन दिया. बंदियों के पास बहनों को देने के लिए प्यार व आशीर्वाद के सिवा कुछ नहीं था.

बंदी अपनी बहनों को दुआ दे रहे थे और कह रहे थे कि जल्द ही घर वापस आऊंगा और नफरत की दुनिया छोड़ अपने परिजनों के साथ प्रेम पूर्वक आगे का जीवन बितायेंगे. सैकड़ों बहन बारिश में भींग कर सेंट्रल जेल व कैंप जेल पहुंची थी और हाथों में राखी लेकर खिड़की पर अपने भाई के आने की इंतजार में खड़ी थी.

सब कहती थी कि आखिर बुरे दिनों मेरी रक्षा तो मेरा भाई ही ना करेगा. विशेष केंद्रीय कारा में कहलगांव ब्रrाचारी से गांव से आयी बहन बिंदु कुमारी ने खिड़की पर भाई विनय रविदास की कलाई पर राखी बांधी तो वह अपनी आंसू रोक नहीं पायी. बोली जल्दी से घर वापस आ जाओ भैया, कब तक जेल से निकलोगे. बहन की आंखों में आंसू देख भाई ने बहन से कहा कि इस वक्त मेरे पास तुम्हें देने के लिए कुछ नहीं है.

इसका मुङो काफी मलाल है. जब घर वापस आऊंगा तो यह कर्ज चुका दूंगा. इसी तरह बारिश के पानी में भींग कर जेल खिड़की से नाथनगर की विद्या देवी ने बंदी भाई सत्यप्रकाश, बागवाड़ी की सुनीता देवी ने भाई नंद किशोर साह, शाहकुंड पंचरुखी की सुलोचना देवी ने भाई अभय कुमार, अमडंडा चांदपुर की नीतु देवी ने भाई निरंजन सिंह, भीखनपुर गुमटी नंबर दो की सुनीता देवी ने भाई राहुल व त्रिशुल को , बरियारपुर की निरंजना देवी ने भाई बमबम की कलाई पर राखी बांध कर भाई को लंबी उम्र की दुआ दी.जेल प्रशासन की ओर से राखी बांधने आयी बहन को विशेष सुरक्षा व्यवस्था के साथ राखी बांधने की इजाजत दी गयी. सभी बंदियों को बारी बारी से राखी बांधने के लिए वार्ड से बुलाया जा रहा था.जेल परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मी भी बहन के भावना को समझते हुए राखी बांधवाने में सहयोग कर रहे थे. बारी बारी से बहन के चिट्टे को पढ़ कर खिड़की पर बुला रहे थे.

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