जसीडीह: आजादी मिलने के दशकों बीतने के बाद भी देवघर प्रखंड के झिलुवाचांदडीह पंचायत अंतर्गत जोरमो नावाडीह गांव के ग्रामीण डिबिया युग में जीने को विवश हैं. बिजली नहीं रहने के कारण शाम ढलते ही पूरा गांव अंधेरे में डूब जाता है. ग्रामीणों की जिंदगी भय के माहौल के बीच कटती है. गांव के विद्यार्थी पढ़ने-लिखने में असुविधा का सामना कर रहे हैं.
वासुदेव यादव, प्रमोद यादव, बाबू महतो, विजय यादव, चांदो महतो, शुकदेव पुजहर, महादेव पुजहर,कार्तिक पुजहर,मुसो पुजहर, मो जमालउद्दीन, फूल मुहम्मद आदि ने बताया कि आजादी मिलने के बाद इस गांव में बिजली नहीं पहुंची है. प्रशासन व जनप्रतिनिधि भी उदासीन बने हुए हैं. चुनाव पूर्व बड़े-बड़े दावे तो किये जाते हैं मगर चुनाव के बाद नेता भूल जाते हैं. ग्रामीण ने बिजली सुविधा को लेकर जनप्रतिनिधि सहित विद्युत विभाग से कई बार मिले. तो करीब दस वर्ष पूर्व कई बिजली पोल खड़ा कर दिया.
लेकिन आजतक न तो पोल में तार झूला और नहीं ट्रांसफार्मर लगा. ग्रामीणों द्वारा मांग करने पर एक माह पूर्व विभाग द्वारा एक ट्रांसफार्मर लाकर रख दिया गया जो शोभा की वस्तु बनी हुई है.
जोरमो नावाडीह गांव में वर्षो पूर्व किसी ठेकेदार द्वारा पोल गाड़ कर छोड़ दिया है. एक माह पूर्व विद्युत विभाग द्वारा गांव को ट्रांसफार्मर उपलब्ध करा दिया गया है. विभाग के वरीय पदाधिकारी से बात कर जल्द जोरमो नावाडीह गांव में बिजली मुहैया कराने के लिए पहल करेंगे – डीके मारडी,विद्युत विभाग जसीडीह सहायक अभियंता.