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मदरसों के लिए निबंधित जमीन की शर्त हटे : आलम

रांची: बिहार मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुमताज आलम ने कहा कि झारखंड में मदरसों की स्वीकृति के लिए नियमावली 1980 में भूमि निबंधन की शर्त हटायी जानी चाहिए. चार नवंबर 2011 को ही यहां की कैबिनेट ने मदरसा प्रस्वीकृति के लिए मंजूरी दी है. बुधवार को मौलाना आजाद कॉलेज में आयोजित झारखंड छात्र संघ व […]

रांची: बिहार मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुमताज आलम ने कहा कि झारखंड में मदरसों की स्वीकृति के लिए नियमावली 1980 में भूमि निबंधन की शर्त हटायी जानी चाहिए. चार नवंबर 2011 को ही यहां की कैबिनेट ने मदरसा प्रस्वीकृति के लिए मंजूरी दी है. बुधवार को मौलाना आजाद कॉलेज में आयोजित झारखंड छात्र संघ व वित्त रहित मदरसा संघ के कार्यक्रम में उन्होंने उर्दू में नेट की परीक्षा उत्तीर्ण करनेवाले आसिफ अंसारी, अफसाना परवीन, रोकैया परवीन, साबिर अंसारी, असमा परवीन व रफत अली समेत 15 विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया.

12 वर्ष से मामला लंबित : झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि राज्य में 544 गैरअनुदानित मदरसों को प्रस्वीकृति दे कर अनुदान से जोड़ने का मसला 12 वर्ष से लंबित है. संताल परगना में एसपीटी एक्ट लागू होने से वहां जमीन की रजिस्ट्री नहीं होती. वहां दान पत्र, शपथ पत्र या इकरारनामा से जमीन हासिल कर व सरकार से एनओसी लेकर मदरसे चलाये जा रहे हैं.

अविभाजित बिहार में तत्कालीन सीएम जगन्नाथ मिश्र ने इस तरह के 1127 मदरसों को अनुदान से जोड़ा था. 20 अगस्त 2013 को वहां के सीएम नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक कर 205 मदरसों को अनुदान के लिए स्वीकृति दी है. इस अवसर पर प्रो जमशेद कमर, मौलाना हम्माद कासमी, फजलूल कदीर, शमीम अख्तर, तसलीम आरिफ, मजरूल हक, इकबाल खान, एकराम हुसैन मौजूद थे.

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