खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी गंगा
भागलपुर : बनारस के रिहंद डैम से पानी छोड़े जाने के कारण भागलपुर की गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 28 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगा है. इसकी वजह से गंगा का पानी खानकित्ता (सबौर) के पास एनएच-80 (बदला हुआ नाम एनएच-33) पर चढ़ गया है.
रविवार को भागलपुर की गंगा का पानी 33.96 मीटर तक पहुंच गया, जो पिछले 10 साल में सबसे अधिक बताया जा रहा है. वर्तमान जलस्तर में 0.7 मीटर की और बढ़ोतरी हो गयी, तो यह अब तक सभी रिकॉर्ड तोड़ डालेगी. इससे भागलपुर–कहलगांव मार्ग के बीच आवागमन भी ठप हो जायेगा.
इससे पूर्व वर्ष 2003 में गंगा का जलस्तर सर्वाधिक 34.3 मीटर रिकॉर्ड किया गया था. विभाग की मानें तो जलस्तर में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से रविवार को प्रोफेसर कॉलोनी (लाल बाग) में गंगा का पानी प्रवेश कर गया. पीजी हॉस्टल पहले की तरह इस बार डूब गया है. ऊफनाती गंगा नदी का पानी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन तक पहुंच गया है. इधर इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
उधर जिले के विभिन्न प्रखंडों में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है. सबौर प्रखंड के खानकित्ता से ममलखा गांव तक जलमग्न है. नवगछिया अनुमंडल में एक बार फिर से बाढ़ और कटाव का खतरा उत्पन्न हो गया है. गोपालपुर में शनिवार को देर रात से ही स्पर नंबर नौ पर भीषण कटाव शुरू हो गया है. देर शाम तक 50 मीटर तक स्पर ध्वस्त हो गया था.
स्पर ध्वस्त होने का सिलसिला देर शाम तक जारी था. कहलगांव में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से निचले क्षेत्रों मे पानी प्रवेश कर गया है. बीरबन्ना पंचायत के तौफिल एवं अठ्ठावन गांव की सड़कों पर पानी भर गया है. वहीं घोघा थाना क्षेत्र के कुसहा सहित अन्य गांवों का संपर्क पथ से भंग हो गया है.
शाहकुंड में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से बेलथू, मकंदपुर, पैरडोमिनियामाल, खुलनी, दरियापुर के दर्जन भर से अधिक गांव बाढ़ से घिर गये हैं. बेलथू का मंझो व खुलनी का मुंजत गांव टापू बना है.
सुलतानगंज प्रखंड में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर ली है. गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के बाद सैकड़ों गांव पूरी तरह जलमग्न हो गये हैं. रविवार देर शाम तक सैकड़ों गांव के लोगों ने घर छोड़ कर दूसरे जगह शरण लिया है. एनएच 80 पर पानी का दबाव बढ़ गया है.