मुंबई: रुपये पर आज नए दबाव के बीच स्थानीय शेयर बाजार में बिकवाली का भूचाल गया और बंबई शेयर बाजार के मुख्य सूचकांक सेंसेक्स में 769.41 अंक की भारी गिरावट दर्ज की गयी. यह चार साल की सबसे बड़ी गिरावट है और इससे निवेशकों की बाजार हैसियत दो लाख कारोड़ रुपये नीचे आ गयी.
अमेरिकी में रोजगार में सुधार की रपट के बीच वहां केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा जल्दी ही मौद्रिक प्रोत्साहन पैकेज वापस लेने की प्रक्रिया शुरु करने के आसार से आज विदेशी विनिमय बाजार में रुपया कारोबार के दौरान गिर कर रिकार्ड 62 प्रति डालर के स्तर तक चला गया था.
बाजार में बिकवाली के तेज दबाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सेंसेक्स में शामिल सभी 30 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए. इनमें रिलांयस इंडस्टरीज 4.62 प्रतिशत, स्टरलाइट 6.65 प्रतिशत, ओएनजीसी 6.06 प्रतिशत, जिंदल स्टील 5.46 प्रतिशत और एलएंडटी 5.19 अंक टूट गया.
एशियाई व यूरोपीय बाजारों में भी नरमी रही. ब्रोकरों ने कहा कि अमेरिका में ताजा आंकड़ों में बेरोजागरी में गिरावट से निवेशकों को लगता है कि फेडरल रिजर्व वहां कर्ज रस्ता रखने के लिए बांड की बिक्री का कार्यक्रम वापस लेने की शुरुआत अब जल्दी कर सकता है. इससे वहां ब्याज दरें बढने की संभावना बनी है. इसके चलते आज भारतीय बाजार में बिकवाली का दबाव बढ गया. ताजा आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में बेरोजगारी भत्ते के लिए दावा करने वालों की संख्या 2007 के सबसे निचले स्तर पर आ गयी है.
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