* मखदुमे जहां के मजार पर उर्स मेला शबाब पर, सुरक्षा के कड़े प्रबंध
बिहारशरीफ (नालंदा) : हजरत मखदुमे जहां के 652 वें उर्स पर बड़ी दरगाह स्थित उनके मजार पर चल रहा चिरागा मेला पूरे शबाब पर है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था ने इस वर्ष मेले की रौनक में चार चांद लगा दी है. दूर–दूर से मखदुमे जहां के मजार पर सजदा कर मन्नतें मांगनेवाले जायरिनों के आने का सिलसिला जारी है.
महिलाएं व बच्चे भी बेखौफ होकर देर रात तक मेले का जम कर लुत्फ उठा रहे हैं. बड़ी दरगाह परिसर रात भर सजदा करनेवाले जायरिनों से गुलजार रहा. सांप्रदायिक संकीर्णता से ऊपर उठ कर मुसलिम भाइयों के साथ बड़ी संख्या में अन्य धर्मावलंबी भी मखदुमे जहां के दरबार में श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं.
हजरत मखदुम साहब की शख्सियत व उनकी अलौकिक शक्तियों ने जाति धर्म से ऊपर उठ कर लोगों को प्रति आकर्षित किया है. इसका प्रमाण मखदुमे जहां के उर्स पर आयोजित चिरागा मेले में स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है. बुधवार को जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि बाबा मणिराम व मखदुमे जहां की पवित्र धरती बिहारशरीफ सदियों से प्रेम, शांति व भाईचारे का संदेश दुनिया को देती रही है. उर्स मेला हो या लंगोट मेला, ईद हो या होली सभी तरह के धार्मिक व सामाजिक आयोजन यहां लोग मिल–जुल कर मनाते आ रहे हैं.
इस सामाजिक सौहार्द को चंद असामाजिक तत्वों द्वारा नुकसान पहुंचाने का यदा–कदा प्रयास किया गया, जिसे प्रशासन द्वारा प्रबुद्ध नागरिकों के सहयोग से विफल कर दिया गया. डीएम ने कहा कि मखदुमे जहां का उर्स मेला धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण आयोजन है, जो 19 अगस्त तक निर्बाध रूप से जारी रहेगा.
मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के आवासन, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधा, बिजली एवं सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गयी है. जिला नियंत्रण कक्ष, मेला नियंत्रण कक्ष सहित 71 स्थानों पर स्टैटिक दंडाधिकारी एवं सघन गश्त की व्यवस्था के कारण चिरागा मेले में रात में भी दिन का नजारा दिखता है.
मेले में पहली बार असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे व सादी वरदी में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गयी है. डीएम ने कहा कि मंगलवार की रात करीब डेढ़ बजे तक वे स्वयं मेला नियंत्रण कक्ष में विधि–व्यवस्था पर नजर रखने के लिए मौजूद थे.
* सामाजिक सद्भाव जरूरी
एसपी निशांत कुमार तिवारी ने कहा कि नालंदा सांप्रदायिक सद्भाव की धरती रही है. हर धर्म व मजहब के महापुरुषों ने इस धरती को कार्यस्थली बनाया. यहीं से सत्य, अहिंसा, शांति व अमन का संदेश पूरी दुनिया में फैला. मखदुमे जहां भी एक ऐसे संत थे जो सांप्रदायिक संकीर्णता से ऊपर उठ कर इनसानियत का संदेश दिया था.
नालंदा की सांप्रदायिक सौहार्द की विरासत को बरकरार रखना आज की पीढ़ी का सामाजिक व नैतिक दायित्व है. मेले के दौरान पूरे शहर में चाक–चौबंद सुरक्षा की व्यवस्था की गयी है. जयरिन निर्भीक होकर इस मेले का लुत्फ उठा रहे हैं.
शांतिपूर्ण आयोजन में बाधा डालने अथवा सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए पुलिस ने पूरी व्यवस्था की है. उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि अगर कहीं भी किसी तरह की अप्रिय घटना होने अथवा अफवाह फैलाने का प्रयास किया जायेगा तो तुरंत इसकी सूचना दें. उनकी सूचना को पूरी तरह गोपनीय रखते हुए पुलिस द्वारा फौरन कार्रवाई की जायेगी.