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संसद में 104 विधेयक लंबित

नयी दिल्ली : संसद में कामकाज के लगातार बाधित रहने के कारण पिछले कुछ समय में नये एवं पुराने 104 विधेयक लंबित पड़े हुए है. इसमें से कई विधेयक आम लोगों, देश की आर्थिक एवं सामाजिक तंत्र को मजबूत बनाने और सुरक्षा से जुड़े विषयों से संबंधित है.संसद में कामकाज बाधित रहने पर क्षोभ व्यक्त […]

नयी दिल्ली : संसद में कामकाज के लगातार बाधित रहने के कारण पिछले कुछ समय में नये एवं पुराने 104 विधेयक लंबित पड़े हुए है. इसमें से कई विधेयक आम लोगों, देश की आर्थिक एवं सामाजिक तंत्र को मजबूत बनाने और सुरक्षा से जुड़े विषयों से संबंधित है.संसद में कामकाज बाधित रहने पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कई सांसदों ने कहा है कि सदस्यों में चर्चा करने की रुचि खत्म होती जा रही है. संसद में वित्त मंत्रालय से जुड़े 14 और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े 12 विधेयक लंबित हैं. गृह एवं विधि मंत्रालय से संबंधित 18, स्वास्थ मंत्रालय से जुड़े 8, श्रम रोजगार एवं कृषि मंत्रालय से संबंधित 6, और पेंशन तथा उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से जुड़े 5 विधेयक अटके पड़े हैं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राजद सांसद रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, ऐसा लगता है कि सदस्यों में लोक महत्व के विषयों पर चर्चा करने की रुचि समाप्त होती जा रही है. कुछ सदस्य अपने विषय को सदन में उपयुक्त ढंग से रखने की बजाए शोर शराबा कर रहे हैं. यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि संसद ऐसा मंच है जहां सदस्य विभिन्न विषयों पर चर्चा और विचारों का आदान प्रदान कर सकते हैं लेकिन इसे शोर शराबे से बाधित किया जा रहा है.अय्यर के अनुसार, चाहे हम किसी विषय से सहमत हो या नहीं हों, पर हम उस पर चर्चा कर सकते हैं और अपनी बात रख सकते हैं. शोर शराबे से हल नहीं निकल सकता है. हंगामे के कारण साल 2010 के शीतकालीन सत्र में लगभग कोई कामकाज नहीं हो सका था जबकि 2012 के मानसून सत्र में 70 प्रतिशत से अधिक समय व्यर्थ गया। 2013 के बजट सत्र में 49 प्रतिशत समय में कामकाज बाधित रहा. वर्तमान मानसून सत्र में पिछले चार दिनों में कोई खास कामकाज नहीं हो सका है. संसद एवं राज्य विधानसभाओं में कामकाज बाधित रहने पर चिंता व्यक्त करते हुए इस साल मई में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शिमला में कहा था कि, ‘‘ मैं दुखी हो जाता हूं जब मैं पाता हूं कि संसद और विधानसभाओं में कामकाज में बाधित हो रहा है और कामकाज नहीं हो पाता है.’’उन्होंने कहा था कि संसद में चर्चा की बजाए व्यवधान बढ़ रहा है.कांग्रेस के हमीदुल्ला सईद ने कहा कि हमने कुछ समय पहले यह पहल की थी कि संसद में कामकाज बाधित होने पर सदस्यों को भत्ता नहीं मिले क्योंकि हम अपने क्षेत्र के लोगों के विषयों को भी नहीं उठा पा रहे हैं.

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