बेमियादी बंद के नौवें दिन भी ठप रहा जनजीवन, पांच मोरचा समर्थकों को किया गिरफ्तार
दार्जिलिंग : अलग गोरखालैंड राज्य की मांग में गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के बेमियादी बंद के नौवें दिन भी पहाड़ में सामान्य जनजीवन अस्त–व्यस्त रहा. 72 घंटे के अंदर बंद खत्म करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अल्टीमेटम का बंद के आयोजकों पर कोई असर नहीं पड़ा है.
मोरचा सुप्रीमो विमल गुरुंग ने कहा कि मुख्यमंत्री के अल्टीमेटम के जवाब में जनता कफ्यरू होगा और बंद जारी रहेगा. गुरुंग ने राज्य सरकार के साथ बातचीत के किसी भी प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि वह सिर्फ केंद्र सरकार के साथ बातचीत करना चाहते हैं.
हालांकि मोरचा ने अपना सुर थोड़ा नरम करते हुए 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बंद न करने का एलान किया है. लेकिन बंद से सिर्फ एक दिन की राहत दी गयी है.
इस बीच, शनिवार रात एक पुराने मामले में कालिम्पोंग कोर समिति के सदस्य शेखर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. उनके अलावा रविवार को कार्सियांग से मोरचा के चार समर्थकों को तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इनकी पहचान
सुमित दीप, सुमन लामा, अभिषेक गुरुंग, लवांग गुरुंग के रुप में हुई है अबतक हिरासत में लिये गये लोगों की तादाद बढ़ कर 172 हो गयी है. शर्मा फरार चल रहे थे.
हालात जस के तस
सिक्किम के लिए जीवन रेखा समङो जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर रविवार को भी वाहन नजर नहीं आये. मोरचा नेता और बंद समर्थक दाजिर्लिंग पहुंचे और उन्होंने पृथक गोरखालैंड राज्य की मांग के समर्थन में सरकार के अल्टीमेटम के विरोध में नारे लगाये. इसी बीच केबल ऑपरेटरों ने सेवा बहाल कर दी. शनिवार को यह सेवा बंद करने का आदेश आया था.
15 अगस्त को बंद से अलग रखा
मोरचा नेतृत्व ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन बंद के दायरे से अलग रखने की घोषणा की है. इसके साथ ही सोमवार को गोरखा जनमुक्ति मोरचा ने सर्वदलीय बैठक का आह्वान किया है. इस बीच, बंद को लेकर राज्य सरकार ने अपना रुख कड़ा कर लिया है.
पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि दाजिर्लिंग में हालात सामान्य रखने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रशासनिक कदम उठायेगी. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के महासचिव मुकुल राय ने उम्मीद जतायी कि पहाड़ की स्थिति सुधरेगी तथा मोरचा के नेतृत्व को सद्बुद्धि आयेगी.
ममता के अल्टीमेटम के विरोध में पोस्टर अभियान
72 घंटे के अंदर बेमियादी बंद खत्म करने के मुख्यमंत्री के अल्टीमेटम के विरोध में गोजमुमो ने पहाड़ी क्षेत्र में पोस्टर अभियान चलाया है. गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग ने कहा कि मुख्यमंत्री की धमकी से आंदोलन और तेज होगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने कदम से यह जता दिया है कि वह गोरखाओं की कितनी बड़ी हितैषी हैं? आने वाले समय में उन्हें जवाब मिलेगा. 2014 ज्यादा दूर नहीं है. हम गोरखालैंड लेंगे. जान देकर भी लेंगे.
गोरखालैंड के लिए खिलाड़ियों ने लगायी दौड़
पहाड़ में एक ही गूंज है–‘वी वांट गोरखालैंड’! रविवार को पहाड़ के वालीबॉल और फुटबॉल के खिलाड़ियों व युवाओं ने ‘रन फॉर गोरखालैंड ’ में दौड़ लगायी. दार्जिलिंग के धूम जोर बंग्ला से जिला कार्यालय के मुख्यद्वार तक यह दौड़ लगायी गयी.
युवाओं का कहना है कि 15 अगस्त को भी ‘रन फॉर गोरखालैंड’ का आयोजन होगा. हमें अपनी पहचान के लिए अलग राज्य चाहिए. हम संख्या बल में कम नहीं है. हमारा विकास अलग राज्य से ही हो सकता है.
कांग्रेस–भाजपा से उम्मीद : रोशन गिरि
उधर, दिल्ली से लौटे गोजमुमो महासचिव रोशन गिरि ने कहा कि गोरखालैंड को लेकर केंद्रीय नेताओं के साथ उनकी बातचीत सफल रही. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को पत्र भेजे गये हैं. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के अलावा भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन से उनकी बातचीत हुई है.
मोरचा की छह सदस्यीय टीम ने तीन अगस्त से दिल्ली में रहकर गोरखालैंड के लिए लड़ाई लड़ी. गोरखा अपनी मांग को लेकर पहाड़ पर अपना सबकुछ गोरखालैंड के यज्ञ में आहूति देने के लिए तैयार हैं. गिरि ने बताया कि भाजपा ने संसद के शीतकालीन सत्र में गोरखालैंड का मुद्दा उठाने का भरोसा दिया है.
उन्होंने कहा कि आंदोलन और तेज होगा. हमारा लक्ष्य गोरखालैंड है. हम बंगाल के साथ नहीं रहना चाहते हैं. मुख्यमंत्री ने हमें गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) का झुनझुना देकर ठगा है. आंदोलन का दमन करने की साजिश रची जा रही है.